अपने बलबूते पर आगे बढें
सुनील कुमार माथुर
हर व्यक्ति के मन में अपार सपनें होते हैं जिसे वह अपने जीवन काल में पूरा करना चाहता हैं । आप अपने सपनों को साकार कीजिए और कल्पनाओं की उडान को पूरा कीजिए । आपकों जो कुछ भी करना हैं वह अपने बलबूते पर कीजिए आपकों सफलता अवश्य ही मिलेगी । जिसे अपने आप पर विश्वास होता हैं जीवन में वहीं सदैव आगें बढ पाता है । किसी भी कार्य को करने से पहलें कभी भी हिम्मत न हारें । अगर कार्य आरम्भ करने से पहलें ही हिम्मत हार गयें तो आप जीवन में कभी भी सफल नहीं हो सकतें ।
अपनें आप पर विश्वास करना ही आपकी सबसे बडी शक्ति हैं इसलिए जहां तक संभव हो दूसरों के भरोसे न रहें । अपना कार्य आप करें । जीवन में कभी भी किसी की भावना को ठेस न पहुंचायें और न ही दूसरों के निजी मामलों में दखलंदाजी करें । हमेशा विवादों से दूर रहें और अपने विवेक से कार्य करें । जब आप अपने अनुभवों से व अपनी सूझबूझ से कार्य करतें हुए आगें बढेंगे तब आपकों सफलता मिलने पर जो खुशी होगी वह अकल्पनीय होगी और आप फूले नहीं सभायेगे । चूंकि आपने जो सफलता हासिल की हैं वह अपने बलबूते पर हासिल की है और यही सफलता आपका हौसला अफजाई में सहायक सिध्द होगा ।
व्यक्ति को हर समय कुछ नया सीखते रहना चाहिए चूंकि सीखा हुआ कार्य जीवन में काम आता हैं । कभी भी यह न सोचें कि इस कार्य को सीख कर अपना समय क्यों बर्बाद करें कोई भी कार्य व्यर्थ का नहीं होता हैं । सूई की जगह सूई ही काम आती हैं तलवार नहीं । इसी के साथ ही साथ आमदनी के साधन बढाने का भी प्रयास करते रहना चाहिए चूंकि आज की मंहगाई में घर – परिवार चलाना कठिन कार्य हो गया हैं । अतः जो भी कार्य करें व आमदनी बढाने का कार्य करें उसमें पूरी ईमानदारी व निष्ठा होनी चाहिए । कभी भी गलत तरीके से धन न कमायें ।
अगर वक्त के अनुसार अपने काम को करने का तरीका भी बदलना पडें तो बेहिचक होकर बदले चूंकि आज का समय प्रतिस्पर्धा का हैं और इस प्रतिस्पर्धा में जो टिक पाता हैं वही सफल हो पाता हैं । इसलिए समय का सदैव सदुपयोग करें और अपने कार्यों को बढायें । जब आप अपने बलबूते पर सफलता हासिल करतें हुए आगें बढेंगे तब आपकों अपार खुशी होगी । मन प्रसन्नता से भर जायेगा और आप गद् गद् हो जायेंगे ।
अपने जीवन में अपने से बडों के अनुभवों का लाभ ले और फिर आगें बढें लेकिन जीवन में कभी भी किसी की आलोचना न करें और न ही सुनें । न ही किसी के बारें में गलत बोलें । अपने आप पर संयम रखें व क्रोध का त्याग कर अपने कार्यों को पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ पूरा करें । आदर्श जीवन जीना है तो जीवन में कभी भी नकारात्मक सोच को हावी न होने दे चूंकि नकारात्मक सोच आदमी को आगें बढने से रोकती हैं और प्रगति के मार्ग में बाधा बनती हैं
हमेशा गलत निर्णय लेने से बचें । सभी के साथ मधुर संबंध बनायें रखें व कम बोलें लेकिन अच्छा बोले । कभी भी दूसरों के निजी मामलों में दखलंदाजी न करें । दूसरों की निंदा करने से बचें । यहीं आदर्श जीवन जीने की उतम कला हैं और जिसने इस कला को सीख लिया समझों उसने जीवन को सही ढंग से जीना सीख लिया हैं ।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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