फीचर

मन रूपी बगीचा

सुनील कुमार माथुर

परमात्मा ने हमें यह मानव जीवन भक्ति करने के लिए दिया हैं ताकि हम भक्ति करके ईश्वर को प्रसन्न कर सकें, खुश कर सकें । लेकिन जब हम जन्म के बाद कुछ समझने लगते हैं तब ईश्वर को भूल जाते हैं और इस संसार के मोहमाया में फंस जाते हैं और जिस नेक कार्य के लिए इस दुनियां में आये हैं उसे ताक पर रखकर यह मेरा हैं । यह तेरा हैं के चक्कर में लग जाते हैं और जैसे जैसे बडे होते जाते हैं वैसे – वैसे लोभ ,लालच , अंहकार व व्यक्तिगत स्वार्थ में फंसते जाते हैं ।

दया , धर्म , करूणा , ममता व वात्सल्य की भावना, दान – पुण्य जैसे भावों को भूलकर और स्वार्थ के चक्कर में पडकर अपने हीरे जैसे अमूल्य जीवन व मानवीय मूल्यों की अनदेखी कर अपना यह लोक व परलोक दोनों को बिगाड रहे हैं फिर भी जीवन में कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है । यह दुनिया तो एक मकडजाल है । जैसे मकडी अपने द्धारा बुने गये जाल में स्वंय फंस कर मर जाती हैं ठीक उसी प्रकार इंसान आज मरा जा रहा हैं । वह येन केन प्रकारेण ईश्वर की भक्ति से दूर होता जा रहा हैं और भक्ति न करने के उसके पास अनेक बहाने हैं ।

वह यह भूल रहा हैं कि वह जिस शरीर पर घमंड कर रहा हैं वह भी उसका नहीं है वह तो भगवान का दिया गया एक अनोखा उपहार है जो अधिक दिन तक चलने वाला नहीं है चूंकि हम तो इस धरती पर एक किरायेदार की भांति हैं । न जाने कब यह नश्वर संसार को छोडकर जाना पड जायें । मरने के बाद तो इस शरीर की राख एक लौटें में समा जायेगी फिर यह लोक दिखावा किस काम का । अतः इस शरीर पर व्यर्थ का अंहकार मत कर ।

इसे क्रीम , पाउडर व इत्र से सजाने – संवारने की जरूरत नहीं है अपितु अपने जीवन को संवारना ही है तो ईश्वर की भक्ति कीजिए । उसकी भक्ति में मन लगाईये । भजन-कीर्तन कीजिए । कथा सुने । अंहकार का त्याग करें और परोपकार के कार्य कीजिए फिर देखिये कि आपके मन रूपी बगीचे में दया , करूणा , ममता , वात्सल्य , प्रेम , स्नेह , विश्वास और भाईचारे एवं देशभक्ति के पुष्प खिलते हैं जिनकी महक से आपकी कीर्ति व यश रूपी खुश्बू चारों दिशाओं में महकेगी बस एकाग्र चित होकर प्रभु की भक्ति में लग जाइए और अपने आप को प्रभु के चरणों में समर्पित कर दीजिये । यही इस जीवन की महत्ता हैं ।

अपने दैनिक कार्यों में ईश्वर की भक्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता दीजिए । तभी आपका यह मानव जीवन सफल हो पायेगा अन्यथा इसकी कोई उपादेयता नहीं है । मन की पवित्रता ही ईश्वर की प्राप्ति का सरल उपाय है।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

Devbhoomi
From »

सुनील कुमार माथुर

लेखक एवं कवि

Address »
33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

Related Articles

8 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights