गांधी के विचारों को धरातल पर उतारना होगा : डॉ. मिश्र
अशोक शर्मा
सत्य, अहिंसा, विश्वास और ईमानदारी का जो पाठ गांधी जी एवं शास्त्री जी ने पढ़ाया था वही मानवता की अमूल्य धरोहर है, जिसे स्वार्थ की राजनीति की चकाचौंध में हम भुला रहे हैं। यह जनतंत्र के लिए घातक है। यह कथन है विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं कौटिल्य मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर विवेकानंद मिश्रा का।
महात्मा गांधी एवं लालबहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर डॉ मिश्रा एवं महासभा तथा कौटिल्य मंच से जुड़े लोगों ने इस अवसर पर स्थानीय शास्त्रीसदन परिसर (ए पी कालोनी) में आभासीय बैठक में अपने- अपने विचार प्रकट किए। इस बैठक की अध्यक्षता महासभा एवं मंच के संरक्षक बिहार के जाने-माने सम्मानित साहित्यकार राधामोहन मिश्र माधव ने की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज देश में समृद्धि के बीच भी निर्धनता और भ्रष्टाचार, लोकतंत्र के बावजूद शक्तितंत्र, विकास के बावजूद अराजकता और शांतिप्रियता के बावजूद चीत्कार मचा है। यह सब सही दिशा में ईमानदार प्रयास के अभाव को इंगित करता है।
विचार व्यक्त करने वालों में प्रमुख रूप से बिहार के जाने-माने शिक्षाविद मगध विश्वविद्यालय के प्राध्यापक प्रोफेसर उमेश चंद्र मिश्र शिव, डॉक्टर बी एन पांडे, आचार्य बालमुकुंद मिश्रा, समाज सेविका कौटिल्य मंच गया जिला के संगठन सचिव सोनी मिश्रा, डॉ चंद्रशेखर मिश्र, वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम शर्मा, इंजीनियर अशोक शर्मा, शशिशेखर पाठक, प्रियंका मिश्रा, सिद्धनाथ मिश्रा, भूपाल रजक हैं।
अन्य जन जिन्होंने उपस्थिति से समारोह को बलान्वित किया– वीणा यादव, नीलम पासवान, प्रोफेसर रीना सिंह, प्रोफेसर अशोक कुमार यादव केशवलाल भईया, डॉक्टर ज्ञानेश भारद्वाज, दीपक पाठक, रविभूषण भट्ट, विनयलाल टाटक, वैष्णवी मांडवी गुर्दा, रणजीत पाठक, पवन मिश्रा, पप्पू बाबू गौड़, देवेंद्र नाथ मिश्रा, संतोष गुपुत, डोमन प्रसाद, रवि भूषण पाठक भारतीय, विश्वजीत चक्रवर्ती, पुष्पा गुप्ता, पूजा कुमारी, अर्चना मिश्रा , ममता गुप्ता, नीतू शर्मा ,निभा देवी, सुनीता देवी ,मालती देवी ,आचार्य अरुण पाठक, रुक्मिणी पाठक, रीना पासवान आदि।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »अशोक शर्मादेवभूमि ब्यूरो चीफ, गयाAddress »बाराचट्टी, गया, बिहारPublisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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