
सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान
सत्ता का सुख पाने के लिए राजनीतिक दल जनता के खून पसीने से कमाये गये धन पर नाना प्रकार के टैक्स लगा कर वसूले गये धन से अपना चुनाव लड़ते हैं और अपना घर भरते हुए चुनाव जीतने के लिए मुफ्त की सौगात बांटते हैं और चुनाव जीतने का प्रयास करते हैं और चुनाव जीतने के बाद भी किसी का भला नहीं करते हैं और अपने लाभ की योजनाएं बना कर जनता का भरपूर शोषण कर रहे हैं।
जनता पर नाना प्रकार के टैक्स लगा कर 300 यूनिट मुफ्त बिजली, 500 रुपए में सिलेंडर गरीब परिवारों को, मुफ्त के वायदों की बौछारें कर आम जनता पर मंहगाई का बोझ लादा जा रहा हैं। केन्द्र व राज्य सरकारों ने मुफ्त की अनेक योजनाएं चला रखी हैं व न केवल अमीर गरीब की खाई बना रही हैं अपितु मुफ्त के नाम पर देश की जनता को निकम्मा, कामचोर बना रही हैं।
अतः मुफ्त की तमाम योजनाओं को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाये व केवल शिक्षा और चिकित्सा को बिल्कुल मुफ्त रखा जाये। इसमें किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो। वहीं दूसरी ओर मंहगाई पर काबू पाकर सब्जियों, खाधान्न, दालों, तेलों, पेट्रोल, डीजल व मकानों के दामों व किराये के मकानों के दामों में कमी कर जनता-जनार्दन को बढ़ती मंहगाई से राहत दिलाये। समस्याएं समाधान चाहती हैं न कि दलगत राजनीति।