
सुनील कुमार माथुर
मनुष्य का मन भीतर से साफ होना चाहिए । केवल अच्छे कपडे पहनने, क्रीम पाउडर लगा लेने से और कपडों पर मंहगा खुशबूदार इत्र छिडकने से इंसान कोई सुन्दर नहीं हो जाता हैं । इंसान सुन्दर तभी होता हैं जब उसके मन में छल कपट , बेईमानी , लोभ लालच व अंहकार व घमंड नहीं होना चाहिए अपितु दया का भाव मन में होना नितान्त आवश्यक है ।
कहने का तात्पर्य यह है कि भक्ति का नशा तभी होता हैं जब भक्त के मन में भक्ति के लिए दृढ विश्वास हो कि मुझे एक न एक दिन प्रभु अवश्य ही दर्शन देंगे । जब भक्त का भगवान में पक्का विश्वास हो और वह निस्वार्थ भाव से भक्ति करें तो भगवान को स्वंय दर्शन देने के लिए भक्त के पास आना पडता हैं । अतः सच्चा भक्त वही है जो ईश्वर की भक्ति में लीन रहता हैं न कि ईश्वर की परीक्षा लेता हैं ।
परमात्मा को आप याद करों या न करों यह आपका कर्म हैं लेकिन परमात्मा कभी किसी को बिना वजह परेशान नहीं करते हैं । व्यक्ति परेशान अपने कर्मों से होता हैं । इसलिए व्यक्ति को हमेशा सद् कर्म करते रहना चाहिए । वही घर का वातावरण सत्संगमय होना चाहिए तभी घर का वातावरण सकारात्मक बन पायेगा । इसी के साथ ही साथ घर में शुद्धता को बनायें रखें । फिर देखिये घर की सारी नकारात्मकता समाप्त हो जायेगी ।
जीवन में संयुक्त परिवार का बडा ही महत्व है चूंकि इससे परिवार में संवाद होता हैं । शंकाओं का समाधान होता हैं । गलत फहमियां दूर होती हैं । लेकिन आज संयुक्त परिवार खंडित हो रहें है और एकल परिवार बन रहें है । एक परिवार में सभी सदस्यों पर मोबाइल हावी हो गया हैं । ऐसे में परिवार के सदस्यों में संवाद नहीं हो पाता है चूंकि सभी अपने-अपने मोबाइल पर व्यस्त रहते हैं या वे फेसबुक , व्हाइटसएप, मेल व गूगल में खोये रहते हैं । वे यह नहीं सोचते है कि कौन आया हैं और कौन गया हैं । नतीजन परिवारों के आपसी संबंधों में दूरियां आती हैं ।
इसी के साथ ही साथ वे ईश्वर की भक्ति से भी दूर होते जा रहें है । यहीं वजह है कि आज एकल परिवार के सदस्य ज्यादा दुःखी नजर आते हैं । मनुष्य को धर्म के आनुसार आदर्श जीवन व्यतीत करना चाहिए । वहीं दूसरी ओर महापुरुषों के आदर्श जीवन को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए । केवल कहने मात्र से काम बनने वाला नहीं है अपितु उसे जीवन में अपनाना भी चाहिए और उस पर चलना भी चाहिए ऐसा तभी संभव है जब आपकी दृढ इच्छा शक्ति व दृढ संकल्प हो।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
![]() | From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
---|
Nice article
Nice article
Nice article
Nice
Nice
Nice
Nice
Nice