
देहरादून | उत्तराखंड में इस बार आयुर्वेद कोर्सों की सीटें भरना बड़ी चुनौती बन गया है। अभी तक केवल 600 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश के लिए आवेदन किया है, जबकि प्रदेश के 26 आयुर्वेद पैरामेडिकल कॉलेजों में कुल 3100 से अधिक सीटें उपलब्ध हैं।
पिछले शैक्षणिक सत्र में भी आधे से ज्यादा सीटें खाली रह गई थीं। इस बार भी भारतीय चिकित्सा परिषद, उत्तराखंड के सामने इन्हें भरने की चुनौती है। परिषद की ओर से अब आवेदन की अंतिम तिथि 30 अक्तूबर तक बढ़ाई गई है, ताकि अधिक छात्र आवेदन कर सकें।
इस बार आयु सीमा में दी गई राहत
शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए परिषद ने प्रवेश नियमों में बदलाव करते हुए आयु सीमा 25 वर्ष से बढ़ाकर 42 वर्ष कर दी है। अब अधिक उम्र के इच्छुक अभ्यर्थी भी आयुर्वेद फार्मासिस्ट, नर्सिंग, पंचकर्म सहायक, टेक्नीशियन, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा सहायक जैसे कोर्सों में दाखिला ले सकते हैं। परिषद के अनुसार, आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद नवंबर के पहले सप्ताह में काउंसलिंग आयोजित की जाएगी। इसमें पात्र छात्रों को कॉलेजों का आवंटन किया जाएगा।
परिषद का कहना
परिषद की रजिस्ट्रार नर्वदा गुसाईं ने बताया कि आवेदन की समय-सीमा बढ़ाने और आयु सीमा में राहत देने से दाखिलों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि विभाग छात्रों को आयुर्वेदिक शिक्षा के महत्व और रोजगार संभावनाओं के बारे में जागरूक करने पर भी जोर दे रहा है।