दारू के लिए तौल में कबाड़ी को बेचीं फाइलें
एक बोतल शराब के लिए निजी सफाईकर्मी ने किये छह साल का रिकॉर्ड गायब
दारू के लिए तौल में कबाड़ी को बेचीं फाइलें, सूत्रों ने बताया कि पारिवारिक लाभ योजना का भी रिकॉर्ड गायब है, यूपी नेडा कार्यालय से भी फाइलें गायब हैं लेकिन विभाग के अफसर चुप्पी साधे हैं। वहीं, उप निदेशक समाज कल्याण महिमा मिश्रा भी शनिवार को कार्यालय निरीक्षण करने पहुंचीं।
कानपुर। कानपुर में एक बोतल शराब के लिए निजी सफाईकर्मी मोहन ने विकास भवन के कई विभागों की फाइलें तौल के हिसाब से कबाड़ी को बेच दीं। इसमें मोहन का साथ आरईएस विभाग के चतुर्थ श्रेणी संविदा कर्मचारी रमेश कुमार ने भी दिया।
बीते तीन माह से दोनों रोज कार्यालयों की सफाई करने के बाद चार बजे विकास भवन के सामने स्थित कबाड़ी दीपक जायसवाल के यहां पर रिकॉर्ड बेचते थे। जो पैसा मिलता था, उससे शराब पीते थे। शनिवार को अधिकारियों ने वृद्धावस्था पेंशन के दस्तावेज ढूंढवाए तो छह साल के सत्यापन का रिकॉर्ड गायब मिला है।
विकासभवन के तीन तल में 18 विभाग संचालित हैं। इन विभागों के कार्यालयों की मेजों पर बेतरतीब तरीके से फाइलें और कागजात फैले रहते हैं। ऐसे में सफाईकर्मी मोहन ने इन दस्तावेजों को बेचकर शराब पीने का जरिया बना लिया था।
शुक्रवार को मामला सामने आने के बाद शनिवार को मोहन के खिलाफ नवाबगंज थाने में समाजकल्याण विभाग के बाबू हरेंद्र सक्सेना ने तहरीर दी है। शनिवार को दिन भर समाज कल्याण विभाग के 23 नंबर कमरे में फैले पड़े रिकॉर्ड को सुरक्षित करने का काम हुआ।
इसके बाद वृद्धावस्था पेंशन, पारिवारिक लाभ के सारे रिकॉर्ड ढूंढे गए तो वर्ष 2017 से 2022 तक का वृद्धावस्था पेंशन योजना का रिकॉर्ड गायब मिला। हालांकि 2023 का रिकॉर्ड कबाड़ी के यहां मिल गया। दो कर्मचारी बेकनगंज स्थित कबाड़ी के गोदाम में दिन भी रिकॉर्ड तलाशते रहे।
सूत्रों ने बताया कि पारिवारिक लाभ योजना का भी रिकॉर्ड गायब है, यूपी नेडा कार्यालय से भी फाइलें गायब हैं लेकिन विभाग के अफसर चुप्पी साधे हैं। वहीं, उप निदेशक समाज कल्याण महिमा मिश्रा भी शनिवार को कार्यालय निरीक्षण करने पहुंचीं। उन्होंने पांच घंटे तक अफसरों-कर्मचारियों से पूछताछ की।
कबाड़ी दीपक जायसवाल ने बताया कि मोहन रोज बोरी में भरकर कागजात लाता था और मैं रद्दी समझकर उसे खरीद लेता था। वह ये कहां से लाता था, इसकी जानकारी नहीं है। तीन माह से रोज वह यह काम करता था। मैं अपना सारा कबाड़ बेकनगंज स्थित कबाड़ के बड़े कारोबारी को बेच देता हूं।
कबाड़ी के यहां से सिर्फ 2023 में कराए जा रहे सत्यापन का रिकाॅर्ड मिला है। इसके अलावा पुराना रिकॉर्ड 23 नंबर कमरे से गायब हैं। कबाड़ी के गोदाम में कर्मचारी फाइलें ढूंढ रहे हैं। सफाईकर्मी के खिलाफ क्लर्क ने तहरीर दे दी है।
-त्रिनेत्र सिंह, समाज कल्याण अधिकारी
कमरे से छह साल का रिकॉर्ड गायब होना बड़ी बात है। लापरवाह अफसर और कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
-सुधीर कुमार, सीडीओ
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