
देहरादून। प्रदेश के सभी नगर निकायों में अब हर वार्ड में निराश्रित कुत्तों के लिए समर्पित भोजन स्थल बनाए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शहरी विकास विभाग ने यह व्यवस्था लागू की है। अब इच्छुक व्यक्ति नगर निगम, नगर पालिका या नगर पंचायत में आवेदन कर इन कुत्तों को गोद भी ले सकेंगे। शासन ने यह निर्देश 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेश के अनुपालन में दिए हैं। अपर सचिव संतोष बडोनी की ओर से सभी नगर आयुक्तों, अधिशासी अधिकारियों और निदेशक शहरी विकास को दिशा-निर्देश भेजे गए हैं।
नियम और व्यवस्था
- प्रत्येक वार्ड में कुत्तों की संख्या और क्षेत्रीय वितरण को ध्यान में रखते हुए भोजन स्थल तय किए जाएंगे। ये स्थल ऐसी जगह होंगे, जहां बच्चों और बुजुर्गों की आवाजाही कम हो।
- भोजन केवल निर्धारित स्थलों पर ही कराया जा सकेगा। अन्यत्र भोजन देने पर कार्रवाई होगी।
- हर स्थल पर सूचना पट्ट लगाया जाएगा कि कुत्तों को केवल वहीं भोजन कराया जा सकता है।
- नगर निकाय जनजागरूकता अभियान चलाएंगे और एक हेल्पलाइन नंबर जारी करेंगे। फिलहाल शिकायतें सीएम हेल्पलाइन 1905 पर दर्ज की जा सकेंगी।
- पशु संरक्षक इन स्थलों पर भोजन और पानी उपलब्ध कराएंगे तथा सफाई की जिम्मेदारी भी निभाएंगे।
- इच्छुक पशु प्रेमी आवेदन कर कुत्तों को गोद ले सकेंगे। गोद लेने के बाद उनका परित्याग नहीं किया जा सकेगा।
- हिंसक या रैबीजग्रस्त कुत्तों को एबीसी या डॉग केयर सेंटर में निगरानी में रखा जाएगा। सामान्य प्रवृत्ति वाले कुत्तों का बधियाकरण और टीकाकरण कर उन्हें पुनः छोड़ा जाएगा।
- कुत्तों को पकड़ने वाले डॉग हैंडलरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- प्रत्येक निकाय को शिक्षण संस्थानों, एनजीओ और पशु प्रेमियों से सहयोग लेकर इस व्यवस्था का प्रचार-प्रसार करना होगा।
शहरी विकास विभाग ने निर्देश दिया है कि सभी वार्डवार भोजन स्थलों और बधियाकरण-टीकाकरण किए गए कुत्तों का पूरा रिकॉर्ड रखा जाए और इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाए।






