कार्रवाई का डर… बाजार से गायब हो गए कई ब्रांड के सस्ते देशी घी
कार्रवाई का डर… बाजार से गायब हो गए कई ब्रांड के सस्ते देशी घी, लिए जा रहे सैंपल… यह अपने आप में बड़ा सवाल है। वहीं, हाल ही में तिरुपति में घी सप्लाई कर रही भगवानपुर की फैक्टरी को लेकर भी इसी तरह के सवाल उभर रहे हैं। यहां से भी हजारों क्विंटल घी तैयार कर तिरुपति भेजा जा रहा था। मंगलवार के शहर के किराना दुकानदार और सुपर स्टोर में पड़ताल की गई तो…
देहरादून। कई तरह के ब्रांड के सस्ते देशी घी बाजार से एकाएक गायब हो गए हैं। तिरुपति मंदिर के प्रसाद में देशी घी में मिलावट का खुलासा होने के बाद देहरादून समेत विभिन्न जिलों में सैंपल लिए जा रहे हैं। इसके चलते दक्षिण भारत की कई कंपनियों के देशी घी अब दुकानाें से गायब हो गए हैं। बता दें कि बाजार में 200 रुपये में सप्लाई हो रहे घी की भी धड़ल्ले से बिक्री हो रही थी।
तिरुपति मंदिर में प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले लड्डुओं में मिलावट के बाद खाद सुरक्षा विभाग ने प्रदेश भर में छापेमारी कर जगह-जगह देशी घी के सैंपल लिए हैं। अभी तक 113 देशी घी के विभिन्न ब्रांड के सैंपल लिए गए हैं। इसका बाजार में असर दिखाई दे रहा है। बाजार के जानकारों का मानना है कि करीब 40 ब्रांड के देशी घी की बिक्री हो रही है।
इनमें दक्षिण भारत से सप्लाई हो रहे घी की कीमत 200 रुपये से शुरू होकर 400 रुपये तक है। जिसे अलग-अलग रेट में बाजार में बेचा जाता है। इन सस्ते घी की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि एक किलो देशी घी निकालने में ही करीब 600 रुपये के दूध खर्च होता है। ऐसे में बाहर की कंपनियां किन चीजों का इस्तेमाल कर यह घी तैयार कर रही है।
यह अपने आप में बड़ा सवाल है। वहीं, हाल ही में तिरुपति में घी सप्लाई कर रही भगवानपुर की फैक्टरी को लेकर भी इसी तरह के सवाल उभर रहे हैं। यहां से भी हजारों क्विंटल घी तैयार कर तिरुपति भेजा जा रहा था। मंगलवार के शहर के किराना दुकानदार और सुपर स्टोर में पड़ताल की गई तो 600 रुपये से कम के घी के ब्रांड नदारद मिले। उधर, उत्तराखंड खाद्य सुरक्षा उपायुक्त आरएस रावत ने बताया कि प्रदेश भर से लिए गए 113 सैंपल में देहरादून के 23 सैंपल शामिल हैं। जिनमें सभी ब्रांड है। सैंपल लेने की प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी।
खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से लिए गए सैंपल रुद्रपुर लैब भेजे गए हैं। इनमें कुछ सैंपल दक्षिण भारत से सप्लाई होने वाले घी के भी है। इन सैंपल की रिपोर्ट एक माह में आने की उम्मीद है। जिसके बाद बाजार में बिक रहे घी की असलियत पर स्थिति साफ हो सकेगी।