प्रसादम के प्रकाशन से पूर्व ही कृष्ण भक्तों में उत्साह
नव संस्था केशव कल्चर की प्रथम पुस्तक प्रसादम की महकती खुशबू

पूनम बागड़िया “पुनीत”, दिल्ली
कृष्ण भक्ति से छलकती नव संस्था केशव कल्चर की संस्थापिका कृष्ण अनुरागी सुश्री दीप्ति शुक्ला जी के अथक प्रयासों से कान्हा जी को समर्पित साहित्य रूपी छप्पन भोग अर्थात् छप्पन कवियों की कृष्ण भक्ति से सुगंधित रचनाओ से सुसज्जित पुस्तक प्रसादम का सृजन हुआ है। यह पुस्तक शीघ्र अतिशीघ्र ही केशव कल्चर की वेबसाइट एवम हार्डकॉपी के रूप मे सभी कृष्ण भक्त व साहित्य प्रेमियों के समक्ष होगी। प्रसादम के प्रकाशित होने के पूर्व से ही कृष्ण भक्तों में एक उत्साह है।
इस पुस्तक के विषय में बता दे की यह पुस्तक परम पूजनीय गुरदेव श्री ब्रजपाल शुक्ल जी महाराज (श्रीवृंदावन धाम) के संरक्षण में है तथा इसकी सबसे बड़ी विशेषता तो इसके नाम प्रसादम से ही कृष्ण भक्तों के कृष्ण अनुरागी हृदय पर अपनी छाप छोड़ती ही है साथ ही इस संस्था से जुड़े कुछ आत्मिक अनुभव है जो आस्था को और संवारते हैं। ये संस्था कला के क्षेत्र में भी कार्य कर रही है। जिसके अंतर्गत गरीब बच्चों को मुफ्त संगीत शिक्षा प्रदान की जाती है व कला से जुड़ी हर क्रिया कलापों को सहयोग दिया जाता है।
इस संस्था व किताब की प्रधान संपादिका है प्रतिभा शर्मा जी और संपादिका दीप्ति शुक्ला जी संपादकीय मंडल के सदस्य है के. एल. सोनी विनोदी जी, विनीता लवानिया जी, परामर्श समिति के मधुर ढींगरा जी, समीर उपाध्याय जी, ज्ञानेश्वरी सिंह जी व संतोष कुमार जी।
संरक्षक समिति के सदस्यों की सूची के अंतर्गत नाम है।
डॉ. निराला पाठक जी, रश्मि मिश्रा जी, प्रभा मंडल और सीमा जी कार्य – मंडल मे नितेंद्र सिंह जी, पूनम बागडिया, पूजा चौधरी जी व पृथ्वी द्विवेदी जी। रचनात्मक मंडल में मुकेश अनुरागी जी तथा तेजश्री वरधावे जी सम्मिलित हैं। सभी के स्नेहसहयोग से संस्था कम समय में प्रगति कर रही है और अपने कार्यों की लोकप्रियता से स्वयं ही निखार पा रही है।
हम केशव कल्चर की संस्थपिका सुश्री दीप्ति शुक्ला जी को उनकी पुस्तक प्रसादम के लिए हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं तथा संस्था की और उन्नति की मंगल कामना करते है।