अंहकार का नाश हो

अंहकार का नाश हो, आप असम्भव को भी सम्भव कर सकते हैं। कहने का मतलब है कि मेहनत करने वालों की कभी भी हार नहीं होती है। परमपिता परमात्मा को पाने के लिए किसी डिग्री, रंग रूप, अमीर गरीब होना आवश्यक नहीं है अपितु प्रेम होना चाहिए। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान
आओं देशवासियों हम एक ऐसा दीप जलाएं, जहां चन्द्रमा जैसी शीतलता, सूर्य जैसी ऊर्जा हो, चन्द्रमा जैसी चांदनी हो, फूलों जैसी जीवन में महक हो, शिक्षा रूपी ज्ञान हो, क्रोध और अंहकार का नाश हो, मंद मंद ठंडी बहार हो। कहने कि तात्पर्य यह है कि आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं तो पहले सूरज की तरह जलना व तपना सीखों। चूंकि जीवन में डर की कोई जगह नहीं है, केवल शक्ति को ही पूजा जाता है।
जीवन जीना भी एक कला है और जीवन में अनेक उतार चढ़ाव देखने को मिलते है लेकिन हमें हर परिस्थिति में समान रूप से रहना चाहिए। इंसान को जीवन में कठिनाइयों का भी अनुभव होना चाहिए चूंकि सफलता का आनन्द लेने के लिए ये जरूरी है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम कहते थे कि युवाओं को चाहिए कि वे अलग तरीके से सोचे, कुछ नया करने की कोशिश करें। रास्ता खुद बन जायेगा।
इतना ही नहीं आप असम्भव को भी सम्भव कर सकते हैं। कहने का मतलब है कि मेहनत करने वालों की कभी भी हार नहीं होती है। परमपिता परमात्मा को पाने के लिए किसी डिग्री, रंग रूप, अमीर गरीब होना आवश्यक नहीं है अपितु प्रेम होना चाहिए। वे तो अपने भक्तों के भाव को देखते हैं कि वह किस भाव से पूजा या भक्ति कर रहा हैं। परमात्मा को पाने के लिए केवल निस्वार्थ भाव से की गई सेवा होनी चाहिए।
अगर प्रभु की भक्ति करते समय आपके विचारों में परिवर्तन इये और सारे दुर्गुण एक एक कर समाप्त होने लगे तभी भक्ति का आनंद हैं। अगर हमारे स्वभाव में कोई भी परिवर्तन न आये तो फिर समझो कि मेरी भक्ति में अभी कमी हैं, वह कमजोर है और इसके लिए हमें एकाग्रता चाहिए। इसलिए एकाग्र भाव से भक्ति करें। भक्ति के समय ध्यान इधर उधर नहीं भटकना चाहिए।
प्रेम दिखाने की वस्तु नहीं है। वह तो दिल से होना चाहिए। प्रभु की भक्ति के लिए कोई समय निश्चित नहीं है। बस जब आपको समय मिले तभी प्रभु के नाम का स्मरण कर लिजिए। बस आपका मन साफ होना चाहिए। मन मे किसी भी प्रकार का छलावा, कपट, मक्कारी, अंहकार, क्रोध व राग ध्देष जैसी बुराइयां नहीं होनी चाहिए । मन को परमात्मा में लगाओगे तो मुक्ति मिलेगी और मन को संसार में लगाओगे तो बंधन मिलेगा । प्रभु के दर्शन मात्र से ही हमारे पाप कट जाते हैं।