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एडीफाई वर्ल्ड स्कूल देहरादून ने ‘वंदे मातरम् के 150 साल’ पूर्ण होने के राष्ट्रीय उत्सव के तहत सांस्कृतिक, शैक्षिक और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया। संविधान पर अधिवक्ता पूरण सिंह रावत का विशेष सत्र विद्यार्थियों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक रहा।
- वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर पूरे देश में उत्सव
- एडीफाई वर्ल्ड स्कूल ने छात्रों को जोड़ा राष्ट्रगीत की ऐतिहासिक ऊर्जा से
- अधिवक्ता पूरण सिंह रावत ने लिया संविधान पर विशेष सत्र
- छात्रों ने उत्साहपूर्वक प्रश्न पूछकर बढ़ाया कार्यक्रम का महत्व
देहरादून। भारत सरकार द्वारा “वंदे मातरम् के 150 साल” पूर्ण होने पर आयोजित राष्ट्रीय स्मारक पहल के अंतर्गत देशभर में कार्यक्रमों की श्रृंखला चल रही है। स्वतंत्रता संग्राम के वीरों को प्रेरित करने वाला यह राष्ट्रगीत आज भी देश की सामूहिक चेतना, निष्ठा और देशभक्ति की सर्वोच्च अभिव्यक्ति माना जाता है। इसी राष्ट्रीय भावना को आगे बढ़ाते हुए एडीफाई वर्ल्ड स्कूल देहरादून ने अपने परिसर में भव्य और विविध गतिविधियों वाला कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें छात्रों, शिक्षकों और विद्यालय प्रशासन ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की।
केंद्र सरकार द्वारा 1 अक्टूबर को स्वीकृत इस देशव्यापी अभियान का उद्देश्य युवाओं और विद्यार्थियों को वंदे मातरम् की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, उसके मूल अर्थ और स्वतंत्रता आंदोलन में निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका से परिचित कराना है। स्कूल प्रशासन ने इस पहल को अवसर के रूप में लेते हुए विशेष वाद-विवाद प्रतियोगिताओं, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, समूह गायन, पोस्टर निर्माण और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करने का निर्णय लिया, जिससे छात्र-छात्राओं के मन में राष्ट्रगीत की कालातीत प्रेरणा और वैचारिक शक्ति का गहरा प्रभाव पड़ सके।
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एडीफाई वर्ल्ड स्कूल के विद्यालय परिवार ने इस राष्ट्रीय उत्सव में सक्रिय भूमिका निभाई और वंदे मातरम् की गौरवशाली विरासत को नई पीढ़ी तक पहुँचाने के अपने संकल्प को दोहराया। विद्यालय प्रशासन का कहना है कि राष्ट्रगीत केवल गीत नहीं, बल्कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के भावनात्मक और क्रांतिकारी इतिहास का जीवन्त प्रतीक है, जिसे विद्यार्थियों को समझाना और उनसे जोड़ना आज की आवश्यकता है। इस अभियान को और प्रभावशाली बनाने के लिए विद्यालय में एक विशेष संवैधानिक जागरूकता सत्र भी आयोजित किया गया। इस सत्र में उत्तराखंड उच्च न्यायालय बार काउंसिल के उपाध्यक्ष, अधिवक्ता पूरण सिंह रावत ने विद्यार्थियों को भारतीय संविधान के बारे में अत्यंत सरल, प्रेरक और ज्ञानवर्धक जानकारी दी।
उन्होंने संविधान की उत्पत्ति, उसकी प्रमुख विशेषताओं, मौलिक अधिकारों, मौलिक कर्तव्यों और नागरिकों की लोकतांत्रिक जिम्मेदारियों पर विस्तार से चर्चा की। अधिवक्ता रावत ने वास्तविक जीवन के उदाहरणों और रोचक प्रसंगों के माध्यम से समझाया कि संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की आत्मा है जो हर नागरिक के दैनिक जीवन को दिशा देता है। सत्र के दौरान विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक प्रश्न पूछे, जिनका उन्होंने प्रभावी और स्पष्ट उत्तर दिया। यह संवादात्मक और चिंतनशील संवाद न केवल विद्यार्थियों को नई सीख प्रदान करता है, बल्कि उन्हें संवैधानिक मूल्यों को आत्मसात करने के लिए भी प्रेरित करता है।
विद्यालय की ओर से बताया गया कि आगामी महीनों में भी इस राष्ट्रीय अभियान के अंतर्गत और कई गतिविधियाँ आयोजित की जाएँगी, ताकि वंदे मातरम् की प्रेरणा, राष्ट्रगौरव और संवैधानिक चेतना को छात्रों के मन में स्थायी रूप से स्थापित किया जा सके।





