अधिकारों का गलत प्रयोग न करें
सुनील कुमार माथुर
जीवन में अधिकारों का कभी भी गलत प्रयोग न करे चूंकि जहां अधिकार होते है वहीं दूसरी ओर कर्तव्य भी होते हैं और अधिकार एवं कर्तव्य दोनों साथ – साथ चलते हैं । यहीं वजह हैं कि जब हम अधिकारों की बात करते है तो अपने कर्तव्यों का भी पालना करना चाहिए। केवल अधिकारों की बात करना बेईमानी होगा ।
आज का जीवन मशीनी जीवन हो गया है जहां इंसान को एक पल की भी फुर्सत नहीं है । चूंकि वह व्यर्थ के दिखावे और आडम्बरपूर्ण जीवन व्यतीत कर रहा हैं । यहीं वजह हैं कि वह हर जगह दिक्कतें महसूस कर रहा है । आज वह किसी की भी नहीं सुन रहा है और अपनी मनमर्जी कर रहा है ।
व्यक्ति के रुखे व्यवहार से मन अप्रसन्न रहता हैं और वह चिडचिड़ा हो गया है । वह अपने निजी जीवन की ओर भी सही ढंग से ध्यान नहीं दे पा रहा है । अतः धैर्य के साथ कार्य करें तभी सफलता मिलेगी और समाज में आपका यश और कीर्ति बढेगी । आदर्श जीवन जीना है तो अपने खर्चों पर नियंत्रण रखे । फिजूल के खर्चो से बचे । आय से अधिक खर्च न करें
जोखिम भरा कार्य न करें । अपनी सोच सकारात्मक सोच रखे और किसी को भी नीचा दिखाने का प्रयास न करे । न ही किसी पर बिना बात क्रोध करें ।समय रहते बदल जायें एवं खुशहाल जीवन व्यतीत करें । तभी समाज में यश , मान – प्रतिष्ठा में वृध्दि होगी ।
जब आप सबको साथ लेकर चलेंगे तभी कार्य में सफलता मिलेगी । कहा भी जाता हैं कि अकेला चना भांड नहीं फोड सकता । सभी के सहयोग से समस्या का समाधान संभव है । अतः कभी भी भूलकर अपने अधिकारों का गलत प्रयोग न करे । अपितु मानसिक दृढता से निर्णय लेकर कार्य करें । अनुकूल समय का लाभ लिजिए और उसका सदुपयोग कीजिए ।
हर किसी का मान सम्मान कीजिये । उन्हेंं इज्जत दें । उनका आदर सत्कार करें । चूंकि गया समय कभी भी वापस नहीं आता हैं । जैसे पानी की एक – एक बूंद आज के वक्त में बचाना आति आवश्यक है ठीक उसी प्रकार जीवन के एक – एक पल का सदुपयोग कीजिए जीवन में आये है तो इंसान बन कर रहें शैतान बनकर नहीं।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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