मंत्रोच्चारण के साथ एकाह रामायण का किया गया आयोजन
अर्जून केशरी
गया/डोभी।आज दिनांक 06/08/022 दिन शनिवार को डोभी प्रखंड अंतर्गत ग्राम सेवईचक स्थित ज्ञान ज्योति पब्लिक स्कूल के प्रांगण में बैदिक मन्त्रोंचार के साथ पंडित श्री चितरंजन कुमार मिश्रा जी के मुखारविंद से कलिकाल के प्रभाव को नस्ट करने हेतु तथा सभी लोगो में सद्बुद्धिव हेतु एवं सकल जन कल्याण के उदेश्य से तुलसी कृत रामचरित मानस एकाह पाढ का आयोजन किया गया हैं.
ईश्वर करे सभी में ऐसा ही धर्म का प्रचार प्रसार हो यही इस पाठ का उदेश्य है। श्री विजय कुमार पाठक जी क आचार्यत्तव में यह आयोजन किया गया। जिसमे पंडित श्री चितरंजन कुमार मिश्रा, जनार्दन पाठक जी, जनेश पाठक जी, युगेश कुमार पाठक,अनिल कुमार मिश्रा ,पारस पाठक, पुरुषोत्तम पाठक जी भी सक्रिय रहे। प्रस्तुत शीर्षक रामचरितमानस के उपदेशों का मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव व महत्व को उजागर करता है।
रामायण मात्र एक धार्मिक ग्रंथ नही बल्कि धर्म का समग्र रूप और अमृत वाणी है, जिसका पठन व श्रवण करते ही मन शांत और आत्मा प्रसन्नता का अनुभव करती है।
रामायण में पवित्र सोच व उत्तम विचारों का समावेश है। रामायण का स्थान हिन्दी साहित्य में ही नही, बल्कि इसका महत्व विश्व साहित्य में भी अद्वितीय है।