संस्कार न जानें कहां खो गये
सुनील कुमार माथुर
अनैतिक कृत्य करने वालों का कभी भी उत्थान नहीं होता है अपितु उनका विनाश ही होता हैं । अतः सदैव अनैतिक कृत्यों से बचे । समाज में आज जो राग ध्देष , अशांति व अराजकता का माहौल बना है उसके मूल में कहीं न कहीं हमारी वर्तमान शिक्षा प्रणाली भी जिम्मेदार है चूंकि वर्तमान समय में विधार्थियों को केवल किताबी ज्ञान ही दिया जाता हैं न कि व्यवहारिक ज्ञान व आदर्श संस्कार।
आज का विधार्थी डिग्रियां लेकर मात्र शिक्षित बेरोजगारी ही फैला रहे हैं चूंकि हमारी शिक्षा प्रणाली व्यवसायिक शिक्षा का ज्ञान नहीं देती है। वह तो मात्र किताबी ज्ञान ही देकर इतिश्री कर लेती हैं । आज लोग अपने स्वंय के पारिवारिक धंधों से दूर होते जा रहे हैं चूंकि वे शारीरिक श्रम से कतरा रहे है । उनके कपडों की उस्त्री खराब नहीं होनी चाहिए । वे बस इसी का ध्यान रखते है।
नतीजन समाज में रोजगार न मिलने से वे तोडफोड , आगजनी कर समाज व राष्ट्र को क्षति पंहुचा रहे हैं । चूंकि उनमें आदर्श संस्कारों का नितांत अभाव है । आज शिक्षा बिक रही हैं । लोग धन देकर डिग्रिया खरीद रहे हैं । एक के स्थान पर दूसरा विधार्थी बैठकर परीक्षा दे रहा हैं।
परीक्षा के दौरान जांच के नाम पर छात्राओं के अंत:वस्त्र हटाकर घिनौनी हरकते की जा रही है । जो परीक्षा के दौरान जांच के नाम पर राष्ट्र पर एक कलंक है । यह कैसी जांच । आज आदर्श संस्कार न जाने कहां खो गये । परीक्षा केन्द्रों पर महिलाओं के साथ यह कैसा उत्पीडन ? सत्य के मार्ग पर चलने वालों का भय कुछ भी नहीं कर सकता । अतः जांच के नाम पर इस घिनौनी हरकतों को बंद कीजिये और परीक्षा केन्द्रों की गरिमा को बनायें रखें।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमार माथुरस्वतंत्र लेखक व पत्रकारAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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