
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में कुल छह प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनमें सबसे प्रमुख रहा महक क्रांति नीति को स्वीकृति। इस नीति के जरिए राज्य में अरोमैटिक (सुगंधित) पौधों की खेती को बड़े स्तर पर बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा शिक्षा, कारागार, आवास और सामाजिक कल्याण से जुड़े कई प्रस्तावों को भी हरी झंडी मिली।
नीति के पहले चरण में 91,000 लाभार्थियों के जरिए 22,750 हेक्टेयर भूमि पर अरोमैटिक खेती कराई जाएगी। सरकार ने किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी की व्यवस्था की है। डीजी सूचना बंशीधर तिवारी ने बताया कि एक हेक्टेयर तक खेती करने वाले किसानों को 80% और इससे अधिक क्षेत्र पर खेती करने वालों को 50% सब्सिडी दी जाएगी। राज्य सरकार का मानना है कि इस कदम से ग्रामीणों को अतिरिक्त आजीविका का अवसर मिलेगा और पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन रोकने में मदद मिलेगी।
कारागार विभाग का पुनर्गठन
कैबिनेट ने उत्तराखंड कारागार विभाग के ढांचे का पुनर्गठन भी मंजूर किया। इसमें कई नए पदों को जोड़ा गया है। इनमें से 27 पद स्थायी होंगे, जबकि शेष पद आउटसोर्सिंग के जरिए भरे जाएंगे। सरकार का कहना है कि इस पुनर्गठन से जेलों में सुरक्षा व्यवस्था और प्रबंधन मजबूत होगा। बैठक में 1872 ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) भवनों के निर्माण के लिए 27 करोड़ रुपये अतिरिक्त मंजूर किए गए। ये भवन रुद्रपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बनाए जा रहे हैं। सरकार का दावा है कि इस कदम से गरीब और जरूरतमंद परिवारों को समय पर आवास उपलब्ध हो सकेगा।
शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल माध्यम को बढ़ावा
शिक्षा विभाग के अंतर्गत दूरदर्शन के जरिए हो रहे प्रसारण को सुदृढ़ करने के लिए आठ नए पदों को मंजूरी दी गई। यह प्रसारण एससीईआरटी टीवी चैनल के माध्यम से कराया जाता है, जिसका फायदा उन छात्रों को मिलता है जो किसी कारणवश स्कूल नहीं जा पाते। इस कदम को शिक्षा के डिजिटलाइजेशन की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। कैबिनेट ने यह भी तय किया कि विशेष शिक्षा पदों पर सितंबर 2017 से मार्च 2019 तक दूरस्थ शिक्षा से डीएलएड पास युवाओं को आउटसोर्सिंग से मौका दिया जाएगा। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के टीईटी अनिवार्य फैसले के खिलाफ राज्य सरकार पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। सरकार का तर्क है कि इससे राज्य के हजारों युवाओं के रोजगार प्रभावित हो रहे हैं।
दिव्यांग से विवाह करने वालों के लिए अनुदान दोगुना
सामाजिक कल्याण से जुड़ा एक बड़ा फैसला भी कैबिनेट ने लिया। अब दिव्यांगजनों से विवाह करने वालों को मिलने वाला अनुदान 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है। सरकार का कहना है कि यह कदम सामाजिक समावेश और दिव्यांगजनों को सम्मान दिलाने की दिशा में उपयोगी साबित होगा।