
जातीय संरचना को समूल नष्ट करें : अशोक शर्मा, एक बिना परिश्रम सत्ता, संपत्ति, प्रतिष्ठा और ज्ञान पर एकाधिकार जमाता है तो दूसरा सत्ता,संपत्ति, प्रतिष्ठा, ज्ञान विहीन अवस्था में किसी तरह जीवन व्यतीत करता है। ऐसे जातिय समाजिक संरचना के नीचे समता की सारी धाराएं सूख गई हैं।
[/box]भारत मे वर्षो पहले से जाति व्यवस्था भयंकर समस्या के रूप में खड़ी दिखती है, जो भारत के विकास में बहुत बड़ी बाधा है। यह भारत की सामाजिक एकता में बाधक तो है ही, साथ ही आपसी कटुता बढ़ाने का भी साधन है। राजनीतिक दल ऐसी कटुता को हवा देकर मतों का ध्रुवीकरण करते हैं।
जाति-प्रथा का इस्तेमाल चुनाव की राजनीति में ‘फूट डालो और सत्ता हासिल करो’ नीति का परिणाम जाति की जड़ें और मजबूत हुआ। आज जाति व्यवस्था को नष्ट किए बिना भारत में समानता का लक्ष्य की उम्मिद करना बेमानी हैं। भारत में ऐसी राक्षसी व्यवस्था है ज़िसमे जाति-प्रथा शोषण, गरीबी तथा अन्यायों को बढ़ावा देते हैं आदमी आदमी को भी नहीं पहचानता, जाति को पहचानता है।
उच्चवर्णीय और कनिष्ठवर्णीय एक ही धर्म के होते हुए भी उनमें कोई रिश्ता नहीं। एक संचित है, तो दूसरा वंचित। एक शोषक है तो दूसरा शोषित। एक शासक है तो दूसरा शासित। एक बिना परिश्रम सत्ता, संपत्ति, प्रतिष्ठा और ज्ञान पर एकाधिकार जमाता है तो दूसरा सत्ता,संपत्ति, प्रतिष्ठा, ज्ञान विहीन अवस्था में किसी तरह जीवन व्यतीत करता है। ऐसे जातिय समाजिक संरचना के नीचे समता की सारी धाराएं सूख गई हैं।
ऐसी अन्यायपूर्ण दमनकारी और न्यायबिहीन जातिय समाजिक ब्यवस्था को तोडे बिना आमआवाम को मान सम्मान की उम्मिद करना बेमानी हैं इसलिए समता मुलकसमाज की स्थापना के लिए लड़ने वाले एकजूट होकर भारत की समाजिक आर्थिक राजनैतिक ब्यवस्था मे फैले जाति विनाश के उपायों पर गंभीरता से विचार कर एक सशक्त संघर्ष खड़ा करे ताकि देश से जाति ब्यवस्था का सम्पूर्ण सफाया हो सके।
अशनीर ग्रोवर और उनके परिवार के खिलाफ FIR दर्ज, 81 करोड़ की धोखाधड़ी
👉 देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है। अपने शब्दों में देवभूमि समाचार से संबंधित अपनी टिप्पणी दें एवं 1, 2, 3, 4, 5 स्टार से रैंकिंग करें।
1st Birthday Party : सब्जी की खौलती कड़ाही में गिर पड़ा मासूम