योजनाओं में ढिलाई बर्दाश्त नही की जा सकती : आयुक्त
पौड़ी। आयुक्त गढ़वाल मण्डल सुशील कुमार द्वारा आज मण्डल कार्यालय पौड़ी से वर्चुवल माध्यम से गढ़वाल मण्डलों के जनपदों उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, रूद्रप्रयाग, देहरादून और हरिद्वार जनपदों की स्वरोजगार और रोजगारपरक योजनाओं जैसे राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन, प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, दीन दयाल उपाघ्याय होम स्टे योजना, वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना, शहरी वैण्डरर को समर्पित स्वनिधि योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना आदि योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक ली गयी।
आयुक्त गढ़वाल मण्डल सुशील कुमार ने सम्बधित जनपदीय अधिकारियों को स्वरोजगारपरक योजनाओं और कार्यक्रमों का लोगों को समुचित लाभ पहुंचाने तथा इसके क्रियान्वयन में आने वाली बाधाओं की पहचान करते हुए उन बाधाओं को दूर करने तथा योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बैंकों से ऋण के लम्बित आवेदनों का शीघ्र निस्तारण करते हुए लोगों को अपना स्वरोजगार प्रारम्भ करने और विभिन्न कम्पनियों और संस्थाओं के साथ टाइअप करते हुए रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
आयुक्त महोदय ने मुख्य विकास अधिकारी, जिला विकास अधिकारी, पर्यटन विभाग, जिला उद्योग केन्द्र, परियोजना निदेशक डीआरडीए, सेवायोजन, खादी ग्रामोद्योग आदि विभागों के अधिकारियों से उनके विभाग के अन्तर्गत अथवा देख-रेख में चलने वाली रोजगारपरक योजनाओं की प्रगति की जनपदवार जानकारी लेते हुए निर्देशित किया कि जिन विभागों की विभिन्न योजनाओं मे लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति संतोषजनक नही है वे कार्य प्रगति में तेजी लाए।
उन्होंने सम्बधित मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि सम्बधित विभागीय अधिकारियों से कार्ययोजना की प्रगति बढ़ाने के लिए नियमित निगरानी करें साथ ही जो अधिकारी स्वरोजगार योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में यथोचित प्रगति नही दे रहें है उनसे स्पष्टीकरण लेने तथा आवश्यकतानुसार वेतन रोकने के भी निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि रोजगार और स्वरोजगार योजनाओं में किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नही की जा सकती क्योंकि कोविड-19 के बाद बहुत से लोग अपने पैतृक गांव लौटे हैं और स्वरोजगार योजनाओं से उनकी रोजी-रोटी का साधन उत्पन्न हुआ है।
उन्होंने संबंधित जनपद के मुख्य विकास अधिकारी और संबंधित विभागीय अधिकारियों से बैंक के स्तर पर लोनिंग के आवेदनों को तेजी से मंजूर न करने के कारणों का संज्ञान लेते हुए निर्देशित किया कि संबंधित बैंक शाखा स्वयं पहल करें तथा लाभार्थियों को अवगत करायें कि स्वरोजगारपरक योजनाओं के लिए आसानी से ऋण देने हेतु नियमावली को उदार बनाया गया है। बैंक अधिकारी उसके अनुरूप ऋण स्वीकृत करें। उन्होंने निर्देशित किया कि भू-स्वामित्व, धारा-143, भू-स्वामित्व परिवर्तन, लीज एग्रीमेंट इत्यादि पर अनावश्यक सैंक्शन न लगायें।
आयुक्त गढ़वाल मण्डल सुशील कुमार ने कहा कि बैंक नियमावली के विपरीत अनावश्यक सेंक्शन लगाते है, बैंकों की जवाबदेही तय करते हुए उचित स्तर पर उनसे स्पष्टीकरण लिया जाए। कहा कि होम स्टे योजना के अन्तर्गत बहुत से आवेदक पहले से बने मकानों को होमस्टे योजना के अन्तर्गत संचालित करने व ढालनेे के लिए आवेदन कर रहें हैं उन आवेदनों के सम्बन्ध मे बैंक अनावश्यक धारा 143 भू-परिवर्तन के पर सैंक्शन लगा रहें है जबकि इसकी कोई आवश्यकता नही है।
आयुक्त महोदय ने निर्देशित किया कि स्वयं सहायता समूह को विभिन्न विभागों की विभिन्न योजनाओं के साथ समन्वय स्थापित करके पर्यटन केन्द्रिय छोटे-बड़े स्वरोजगार जैसे वाहन मद से टूरिस्ट वैन, सीएससी सेन्टर, साइबर कैफे, रेस्त्रों, प्रसाद शाप इत्यादि मे अधिक फोकस करने तथा स्थानीय स्तर पर ऐसे उत्पाद जिनकी अभी तक पहचान नही बन पायी है लेकिन वे क्षेत्र विशेष में बड़े महत्व के हैं, उनको ब्राण्डिंग, डिजाइनिग, मार्केटिग करते हुए उसको आउटलेट, कलस्टर इत्यादि के माध्यम से विक्रय करते हुए इससे जूड़े स्वयं सहायता समूहों के लोगों की आर्थिकी को मजबूत करें।
उन्होंने सेवायोजन विभाग को युवाओं के प्रशिक्षण का तारगेट बढाने तथा उनके प्लेसमेंट के लिए रेलवे, निर्माण प्रदाता कम्पनियों ऐजेसिंयों को टाइअप करके सीधे रोजगार देने अथवा स्वरोजगार योजनाओं के तहत लोन उपलब्ध करा लाभान्वित कराने के निर्देश दिये। उन्होंने शहरी वैन्डर्स को पीएम स्वनिधि योजना का लाभ प्रदान करने से पूर्व उनका समुचित सत्यापन करने, जिससे स्थानीय लोगों को लाभ मिले के निर्देश दिये।
उन्होंने हरिद्वार व देहरादून के रामपुर-सेलाकुई-सहसपुर क्षेत्रों में बुनकर का कार्य करने वाले लोगों की पहचान करते हुए रेशम विभाग के माध्यम से उनको जोड़ते हुए स्वरोजगार प्रदान करने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देशित किया कि ऐसी कम्पनियों जो रोजगार देने का वादा करके कुछ दिन में युवाओं को रोजगार देती है लेकिन कुछ समय बाद निकाल देती है, ऐसी कम्पनियों पर आकस्मिक निरीक्षण कर कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
इस दौरान उप निदेशक अर्थ एवं संख्या टी0 एस0 अन्ना, अपर अर्थ एवं संख्याधिकारी अरविन्द मिश्र, जिला पर्यटन अधिकारी प्रकाश खत्री मण्डल कार्यालय में उपस्थित थे जबकि वीसी के माध्यम से देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, रूद्रप्रयाग, चमोली उत्तरकाशी से मुख्य विकास अधिकारी व सम्बधित अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे।