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देहरादून के रायपुर क्षेत्र स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मरीज की मौत के बाद परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा। परिजनों और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शव सड़क पर रखकर घंटों प्रदर्शन किया और अस्पताल पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए।
- मरीज की मौत के बाद रायपुर में बवाल, परिजनों के साथ बजरंग दल का प्रदर्शन
- प्राइमस अस्पताल पर लापरवाही का आरोप, पुलिस बल तैनात
- न्याय की मांग को लेकर सड़क पर शव रखकर धरना
- अस्पताल प्रशासन की भूमिका पर सवाल, जांच की मांग तेज
देहरादून : राजधानी देहरादून के रायपुर क्षेत्र में इलाज के दौरान एक मरीज की मौत के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया। मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पहले अस्पताल परिसर में हंगामा किया और इसके बाद आक्रोश और बढ़ गया। परिजन बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर उतर आए और शव को बीच सड़क पर रखकर जमकर नारेबाजी की। इस दौरान करीब ढाई घंटे तक क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा और यातायात भी प्रभावित हुआ।
परिजनों का कहना है कि मरीज को इलाज के लिए रायपुर स्थित प्राइमस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन समय पर उचित उपचार न मिलने और चिकित्सकीय लापरवाही के कारण उसकी जान चली गई। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने गंभीर हालत के बावजूद न तो सही समय पर विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध कराए और न ही इलाज में कोई पारदर्शिता बरती गई। मरीज की मौत के बाद भी अस्पताल की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया, जिससे उनका गुस्सा और भड़क गया।
गुरुवार को परिजन और बजरंग दल के कार्यकर्ता शव को लेकर थाने पहुंचे और वहीं धरने पर बैठ गए। प्रदर्शनकारियों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई और दोषियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन हरकत में आया और मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। एसपी जया बलूनी स्वयं मौके पर पहुंचीं और प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर मामला शांत कराने का प्रयास किया।
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अस्पताल के बाहर और आसपास के इलाके में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो। पुलिस अधिकारियों ने परिजनों को निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया और कहा कि पूरे मामले की जांच की जाएगी। वहीं, प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जब तक उन्हें न्याय का भरोसा नहीं मिलेगा, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
इस घटना ने एक बार फिर निजी अस्पतालों में इलाज की गुणवत्ता, जवाबदेही और निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इलाज के दौरान हुई मौत को लेकर उठे इस विवाद ने आम जनता के मन में यह चिंता पैदा कर दी है कि क्या मरीजों की जान की सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था में पर्याप्त सख्ती और पारदर्शिता मौजूद है या नहीं।






