जी-20 के दौरान आपराधिक वारदात में गिरावट
जी-20 के दौरान आपराधिक वारदात में गिरावट, थानाध्यक्षों का कहना है कि दिल्ली में जी-20 सम्मेलन के दौरान आपराधिक वारदातों में 50 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी गई। थानाध्यक्षों का कहना है कि इलाके में ज्यादा से ज्यादा फ्लैग मार्च किया गया।
नई दिल्ली। दिल्ली में आयोजित हुए देश के सबसे बड़े शिखर सम्मेलन की सफलता से जहां देश को ख्याति मिली है वहीं दिल्लीवालों को भी काफी राहत मिली है। जी-20 सम्मेलन के दौरान अपराधी काबू में रहे और आपराधिक वारदातों में भारी गिरावट दर्ज की गई। सम्मेलन के समय एक से 10 सितंबर के बीच दिल्ली में दुष्कर्म व पॉक्सो की वारदातों में साढ़े बाइस फीसदी व वाहन चोरी की वारदातों में 60 फीसदी गिरावट हुई।
सबसे ज्यादा वाहन चोरी की वारदातें कम हुईं। अब आठ से 10 सितंबर तक यानि तीन दिन का डाटा देखें तो कुल अपराधों में 60 से 65 फीसदी की कमी आई है। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी व विशेषज्ञों की माने तो दिल्ली पुलिस की क्षमता कम है, इस कारण दिल्ली में आपराधिक वारदातें ज्यादा होती हैं। जी-20 सम्मेलन के दौरान दिल्ली में अपराध के आंकड़े देखें तो एक से 10 सितंबर तक आपराधिक वारदातों में भारी गिरावट दर्ज की गई थी।
1 से 10 सितंबर, 22 (10 दिन की तुलना) के आपराधिक आंकड़े की तुलना अगर 1 से 10 सितंबर, 23 (सम्मेलन के समय) के आंकड़ों से करें तो दस दिन में हत्या के मामले में साढ़े बारह, रॉबरी के वारदातों में 6 फीसदी, दुष्कर्म व पॉक्सो की वारदातों में साढ़े बाइस, झपटमारी की वारदातों में 25 फीसदी, चोट पहुंचाने की वारदातों में 45 फीसदी और वाहन चोरी की वारदातों में सबसे ज्यादा 60 फीसदी की कमी देखी गई।
दिल्ली में औसतन हर रोज 125 वाहन चोरी होते हैं। यानि कि जी-20 सम्मेलन के दौरान दिल्ली में 125 की बजाय एक दिन में सिर्फ 50 वाहन ही चोरी हुए। हालांकि गंभीर माने जाने वाले अपराध यानि लूटपाट की वारदातों में सिर्फ छह फीसदी की कमी देखी गई। वर्ष 2022 में एक से 10 सितंबर तक दिल्ली में लूटपाट की 34 वारदातें हुईं थीं। वहीं इस वर्ष एक से 10 सितंबर तक 10 दिन में लूटपाट की 32 वारदातें हुईं।
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तिलक मार्ग सब-डिवीजन में यानि बाराखंभा व तिलक मार्ग थाना, जिसमें पूरा प्रगति मैदान का इलाका आता है, उसमें एक भी वारदात नहीं हुई। सम्मेलन से पहले डब्ल्यू पाॅइंट पर एक व्यक्ति दिल्ली पुलिस केनकली पहचान पत्र के साथ पकड़ा गया था।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि जी-20 सम्मेलन के दौरान नई दिल्ली समेत पूरी दिल्ली में सुरक्षा जवानों की हर जगह उपस्थिति थी। अर्द्धसैनिक बलों की 200 से ज्यादा कंपनियां दिल्ली में तैनात की गई थीं। दिल्ली से बाहर तैनात आईपीएस अफसर दिल्ली बुलाए गए थे। इसके अलावा अन्य सुरक्षा बलों के जवान दिल्ली में तैनात किए गए। दिल्ली ट्रैफिक के जवान हर समय रूट के सुरक्षा देने के बहाने सड़कों पर तैनात रहे।
थानाध्यक्षों का कहना है कि दिल्ली में जी-20 सम्मेलन के दौरान आपराधिक वारदातों में 50 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी गई। थानाध्यक्षों का कहना है कि इलाके में ज्यादा से ज्यादा फ्लैग मार्च किया गया। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जी-20 सम्मेलन के दौरान पुलिसकर्मियों से आठ-आठ घंटे की ड्यूटी करवाई गई। आठ-आठ घंटे की ड्यूटी करने में पुलिसकर्मी थके नहीं और वह सतर्क होकर ड्यूटी करते हुए नजर आए। ऐसे में अब दो पालियों में ड्यूटी करवाने पर विचार किया जा रहा है।
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