
देहरादून | गातार हो रही बारिश ने पहाड़ों का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बदरीनाथ हाईवे शनिवार सुबह कई स्थानों पर भारी मलबा आने से अवरुद्ध हो गया। पागलनाला, भनेरपाणी, नंदप्रयाग और गौचर के समीप कमेड़ा में सड़क पर मलबे के ढेर लगने से आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई। हाईवे के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगी हैं और यात्री घंटों से फंसे हुए हैं। सुबह से बंद हाईवे के कारण तीर्थयात्रियों और आम यात्रियों को सड़क पर ही इंतजार करना पड़ा। गुजरात से आए तीर्थयात्रियों ने बताया कि श्रीनगर से पीपलकोटी तक पहुंचने में उन्हें 16 घंटे लग गए। जगह-जगह सड़क पर गिरे बोल्डर और मलबे के कारण वाहन रेंग-रेंग कर चल रहे हैं। यात्रियों का कहना है कि बदरीनाथ हाईवे अब बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है।
बीआरओ और प्रशासन की टीमें सुबह से ही मलबा हटाने में जुटी रहीं। कुछ स्थानों पर रास्ता खोलकर वाहनों की आवाजाही शुरू करवाई गई है। हालांकि हिल साइड पर अब भी ढेर सारा मलबा जमा है और हल्की बरसात के साथ ही किसी भी वक्त सड़क फिर बंद हो सकती है। इस वजह से यात्रियों और ड्राइवरों को हर समय खतरा बना हुआ है। केवल बदरीनाथ हाईवे ही नहीं, बल्कि सिमली-ग्वालदम-अल्मोड़ा हाईवे भी कई स्थानों पर अवरुद्ध है। नौली, मिंग गदेरा और काल जाबर में मलबे के कारण यातायात ठप पड़ा है। लगातार हो रही बारिश से पहाड़ियां टूट रही हैं और जगह-जगह सड़कें मलबे के ढेर में तब्दील हो गई हैं।
प्रशासन अलर्ट पर
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि सभी स्थानों पर मशीनरी और श्रमिकों को लगाया गया है। मलबा हटाने और मार्ग खोलने का काम तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही वाहनों की आवाजाही बहाल कर दी जाएगी। साथ ही यात्रियों से अपील की कि वे खराब मौसम में यात्रा करने से बचें और प्रशासन द्वारा जारी किए जा रहे अलर्ट का पालन करें। प्रदेश में मानसून लगातार सक्रिय है। मौसम विभाग के अनुसार अगले पांच दिन तक राज्य के कई जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी है। भूस्खलन की घटनाओं को देखते हुए तीर्थयात्रियों और यात्रियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।