
इंसानियत के गुनहगार… ऐसे लोगों को शरण देने वाले भी अपराधी हैं और गुनहगार गुनहगार ही होता हैं भले ही वह किसी भी उच्च पद पर क्यों न हो, किसी भी राजनीतिक दल का नेता या कार्यकर्ता क्यों न हो उसे उसके किये गये अपराध का दंड अवश्य ही मिलना चाहिए। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान
[/box]भारतीय सभ्यता और संस्कृति विश्व की सर्वश्रेष्ठ सभ्यता और संस्कृति में से एक हैं लेकिन समाज में हम देख रहे हैं कि कुछ शरारती तत्वों के कारण, असामाजिक तत्वों के कारण व चंद राष्ट्र विरोधी ताकतों ने भारतीय सभ्यता और संस्कृति को तहस-नहस करने की साज़िश रची हैं जिसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता। इन तत्वों ने येन केन प्रकारेण समाज में अस्थिरता पैदा करने का प्रयास किया और जब उनका यह प्रयास असफल रहा तो उन्होंने अन्य प्रकार की साज़िश रची।
आज देश में बढती हिंसा, हेराफेरी, कालाबाजारी, लूट खसोट, भ्रष्टाचार, नारी का देह शोषण, बलात्कार की बढती घटनाएं, समाज में येन केन प्रकारेण नफरत फैलाने की साज़िश समाज व इंसानियत के गुनहगार है। इसलिए गुनाहगारों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाना चाहिए। ऐसे अपराधियों को कठोर से कठोर दंड दिया जाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों की पुनरावृत्ति न हो और कोई भी किसी प्रकार का अपराध करने का साहस न जुटा पायें।
इंसानियत के गुनहगारों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाना चाहिए। अगर ऐसे अपराधियों को राष्ट्र के दुश्मन कहा जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। इन गुनहगारों ने सभी कानून कायदों, नियमों व आदर्श संस्कारों की धज्जियां उड़ानें की कोशिश की है। इसलिए ऐसे गुनहगारों को किसी भी प्रकार की रियायत व जमानत न दी जाए।
ऐसे लोगों को शरण देने वाले भी अपराधी हैं और गुनहगार गुनहगार ही होता हैं भले ही वह किसी भी उच्च पद पर क्यों न हो, किसी भी राजनीतिक दल का नेता या कार्यकर्ता क्यों न हो उसे उसके किये गये अपराध का दंड अवश्य ही मिलना चाहिए।