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सिरफिरा

सिरफिरा, वे लोग शशिधर को सिरफिरा कहने से नहीं चूकते, लेकिन शशिधर उनकी परवाह नहीं करता हैं और न ही उनकी बात को दिल से लगाता हैं। वह अपनी मस्ती में अपना जीवन व्यतीत कर रहा हैं न कि किसी को नुक़सान पहुंचा रहा हैं।  #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान

शशिधर बहुत ही शांत प्रवृति का व्यक्ति हैं और हर किसी के काम कर दिया करता हैं। हां उसमें एक ही कमी हैं कि अगर उसका मूड़ खराब हो तो फिर वह किसी के काम नहीं करता हैं। जब वह किसी को काम करने से मना कर देता हैं या किसी को उसके मुंह पर खरी खोटी सुना देता है तो लोग उसे सिरफिरा कहने लगते है।

लेकिन वो इस बात को दिल से नही लगाता हैं। चूंकि वह ईमानदार और निष्ठावान है। झूठ वह किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करता हैं। झूठ के वह सख्त खिलाफ है। खाली वक्त में वह लोगों को निशुल्क पढाता हैं। किसी को जरूरी कार्य से बाहर जाना हो तो अपनी गाड़ी पर उसे छोड़कर आता हैं। किसी को अस्पताल ले जाना हो तो आधी रात को भी ले जाता हैं।

कहने का मतलब है कि समाज सेवा करना ही उसका मूल ध्येय है। इसके लिए कभी भी उसने किसी से न तो धन की मांग की और न ही किसी के समक्ष चर्चा करता हैं। मगर समाज में ऐसे लोगों की भी कोई कमी नहीं है जो दूसरों के सेवा भाव से किये गये कार्यो से भी ईर्ष्या करते है तो कुछ ऐसे लोग भी है जिनके काम करने से वह साफ मना कर देता हैं.

वे लोग शशिधर को सिरफिरा कहने से नहीं चूकते, लेकिन शशिधर उनकी परवाह नहीं करता हैं और न ही उनकी बात को दिल से लगाता हैं। वह अपनी मस्ती में अपना जीवन व्यतीत कर रहा हैं न कि किसी को नुक़सान पहुंचा रहा हैं। समाज में दोगले लोगों की कोई कमी नहीं है।

दर्पण झूठ न बोले


सिरफिरा, वे लोग शशिधर को सिरफिरा कहने से नहीं चूकते, लेकिन शशिधर उनकी परवाह नहीं करता हैं और न ही उनकी बात को दिल से लगाता हैं। वह अपनी मस्ती में अपना जीवन व्यतीत कर रहा हैं न कि किसी को नुक़सान पहुंचा रहा हैं।  #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान

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देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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