
खटीमा | उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को खटीमा के लोहियाहेड स्थित कैंप कार्यालय में महत्वाकांक्षी शारदा कॉरिडोर विकास परियोजना की विस्तृत समीक्षा बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि यह परियोजना केवल विकास का प्रतीक नहीं, बल्कि स्थानीय आस्था, संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण का भी आदर्श उदाहरण बननी चाहिए। इस बैठक में मुख्यमंत्री को परियोजना के विभिन्न पहलुओं की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। शारदा कॉरिडोर परियोजना के तहत लगभग 3300 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है, जिसके माध्यम से करीब 200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का समग्र विकास किया जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य टनकपुर से लेकर आसपास के क्षेत्रों को धार्मिक, सांस्कृतिक, पर्यटन और पर्यावरणीय दृष्टि से सशक्त बनाना है, ताकि यह क्षेत्र उत्तराखंड का एक प्रमुख आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र बन सके।
मुख्यमंत्री ने परियोजना के अंतर्गत शामिल 38 प्रमुख कार्यों की बिंदुवार समीक्षा की। इनमें प्रमुख रूप से शारदा घाट का पुनर्विकास, सिटी ड्रेनेज प्लान-1, रणकोची माता मंदिर का पुनरुद्धार, बनबसा में हेलीपोर्ट का विकास, चूका से चल्थी तक माउंटेन बाइक ट्रेल का निर्माण, अंतरराष्ट्रीय सीमा बाजार का विकास, श्रद्धा पथ नदी तट का सौंदर्यीकरण, शारदा रिवरफ्रंट के लिए मास्टर प्लान तैयार करना, और एयरो स्पोर्ट्स सुविधाओं की स्थापना शामिल हैं। सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी निर्माण कार्यों में गुणवत्ता, पारदर्शिता और समयबद्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण और हस्तांतरण के कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण किया जाए ताकि परियोजना में कोई देरी न हो। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि निर्माण कार्यों के दौरान पर्यावरणीय संतुलन और क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत का पूरा ध्यान रखा जाए।
उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि कार्यदायी संस्था स्थानीय स्तर पर अपना फील्ड ऑफिस स्थापित करे, ताकि कार्यों की निगरानी बेहतर ढंग से हो सके और जनता की शिकायतों का निवारण समय पर किया जा सके। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि भविष्य में लोहाघाट स्थित विवेकानंद सर्किट और मां वाराही धाम को एक स्पिरिचुअल जोन के रूप में विकसित किया जाएगा। धामी ने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से टनकपुर और आसपास का क्षेत्र न केवल एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में उभरेगा, बल्कि यह स्थानीय रोजगार संवर्धन और आर्थिक विकास का भी बड़ा जरिया बनेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की योजना है कि इस क्षेत्र को डेस्टिनेशन वेडिंग हब के रूप में भी विकसित किया जाए। साथ ही, सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के शहीदों के सम्मान में एक “शौर्य स्थल” भी स्थापित किया जाएगा, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि शारदा कॉरिडोर परियोजना केवल एक भौतिक विकास योजना नहीं है, बल्कि यह उत्तराखंड की सांस्कृतिक आत्मा को पुनर्जीवित करने का प्रयास है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह योजना न केवल टनकपुर की आध्यात्मिक पहचान को नई ऊंचाई देगी, बल्कि यह क्षेत्र आने वाले वर्षों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर अपनी अलग पहचान बनाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि परियोजना को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तेजी से काम शुरू हो चुका है और सभी विभागों के बीच समन्वय सुनिश्चित किया जा रहा है। सीएम धामी ने अधिकारियों से कहा कि वे जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए हर कार्य को जनभागीदारी के साथ पूर्ण करें, ताकि यह परियोजना उत्तराखंड के विकास का स्वर्णिम अध्याय बन सके।








