
चमोली। उत्तराखंड में एक बार फिर प्रकृति ने कहर बरपाया है। थराली तहसील क्षेत्र में शुक्रवार देर रात बादल फटने से भारी तबाही मच गई। पहाड़ी से आए मलबे ने देखते ही देखते गांवों, बाजारों और मकानों को अपनी चपेट में ले लिया। इस आपदा में अब तक एक युवती की मौत हो चुकी है, 11 लोग घायल हैं और एक व्यक्ति लापता बताया जा रहा है। वहीं, कई भवन, वाहन और दुकानें मलबे में दब गए हैं। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने शनिवार को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और स्वयं राहत-बचाव कार्यों की निगरानी की। प्रशासन ने तुरंत राहत दलों को सक्रिय किया। मौके पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, बीआरओ और पुलिस बल की टीमें तैनात हैं। डीडीआरएफ और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी मौके पर मौजूद हैं। डीएम ने कहा कि प्राथमिकता लोगों की जान बचाना और सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना है।
युवती का शव बरामद, एक लापता। थराली तहसील के संगवाड़ा गांव में एक मकान में मलबा घुसने से एक युवती दब गई थी। डीडीआरएफ की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद उसका शव बरामद किया। वहीं, चेपड़ो क्षेत्र में एक व्यक्ति लापता है, जिसकी तलाश में रेस्क्यू अभियान जारी है। अब तक 11 लोग घायल मिले हैं, जिन्हें एसडीआरएफ और पुलिस जवानों ने मलबे से निकालकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। गंभीर रूप से घायल लोगों को हेली सेवा के जरिए जिला अस्पताल शिफ्ट किया गया है। आपदा से चेपड़ो बाजार, कोटदीप बाजार और तहसील परिसर में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इन क्षेत्रों में 1 से 2 फीट तक मलबा भर गया है। कई वाहन दब गए हैं और 15 से अधिक दुकानें क्षतिग्रस्त बताई जा रही हैं।
प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को सुरक्षित रखने के लिए राजकीय पॉलिटेक्निक कुलसारी और शहीद भवानीदत्त इंटर कॉलेज चेपड़ो को राहत केंद्र बनाया है। यहां रहने और खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। डीएम ने प्रभावित परिवारों को आश्वासन दिया कि सरकार हर संभव मदद करेगी। हरमनी से थराली तक कई जगह सड़कें बंद हो गई हैं। जेसीबी मशीनें मलबा हटाने में लगी हुई हैं, लेकिन लगातार बरसात और टूटे रास्तों की वजह से रेस्क्यू में दिक्कतें आ रही हैं। गांवों में बिजली और पानी की आपूर्ति पूरी तरह बाधित हो चुकी है, जिसे बहाल करने के लिए टीमें जुटी हुई हैं।
आईटीबीपी के जवानों ने भी राहत कार्य का जिम्मा संभाल लिया है। जवानों ने मलबे में गिरे पेड़ों को काटकर रास्ते साफ करने का काम शुरू कर दिया है, ताकि फंसे हुए लोगों तक जल्द से जल्द मदद पहुंचाई जा सके। उत्तरकाशी में कुछ दिन पहले हुए बादल फटने के बाद अब चमोली में आई इस आपदा ने राज्य सरकार की चिंता बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय से लगातार प्रशासन से संपर्क साधा जा रहा है और प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री भेजने के निर्देश दिए गए हैं।