रुचि के अनुसार विषय चुनें
रुचि के अनुसार विषय चुनें… स्वतंत्र रूप से बच्चे को उसकी रुचि पर छोड़ दें। अक्सर ज्यादातर अभिभावक बच्चे पर दबाव बनाते हैं कि फलां बच्चे ने ये विषय लिया है उसे भी वही लेना चाहिए। #ओम प्रकाश उनियाल
12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद बच्चों के सामने सबसे बड़ी समस्या विषय व संस्थान चुनने की होती है। बच्चों एवं उनके अभिभावक असमंजसता में रहते हैं कि भविष्य के लिए किस स्ट्रीम में प्रवेश दिलाया जाए। जैसाकि, कला, वाणिज्य एवं विज्ञान संकायों से परीक्षा उत्तीर्ण की जाती है।
उसी के अनुरूप आगे प्रवेश लेना होता है। तीनों संकायों में आगे बढ़ने के काफी अवसर रहते हैं। किसी भी विषय में स्नातक की उपाधि लेने के अलावा वोकेशनल कोर्स भी बहुत हैं। निर्भर करता है बच्चे की रुचि पर। किस तरफ उसका रुझान है यह देखना बहुत जरूरी होता है। मां-बाप अपनी मर्जी बच्चे पर न थोपें तो ज्यादा अच्छा रहता है।
स्वतंत्र रूप से बच्चे को उसकी रुचि पर छोड़ दें। अक्सर ज्यादातर अभिभावक बच्चे पर दबाव बनाते हैं कि फलां बच्चे ने ये विषय लिया है उसे भी वही लेना चाहिए। ध्यान रहे कि हर बच्चे का दिमाग व क्षमता अलग-अलग होती है। बच्चा अपनी रुचि व समझ के अनुसार जिस विषय को चुनता है कुछ समय बाद वह स्वत: ही उसमें पारंगत हो जाता है।
आजकल जगह-जगह निजी शिक्षण संस्थान कुकुरमुत्तों की तरह फैले हुए हैं। जो कि शुल्क के रूप में मोटी रकम वसूलते हैं। जिनमें से कई की मान्यता ही नहीं होती या एक कोर्स की मान्यता लेकर अन्य कोर्स भी चलाते हैं। प्रवेश लेने से पहले संस्थान की संबद्धता की पूरी जानकारी जुटा लें। ताकि बाद में पछताना न पड़े। प्रयास यह करें कि सरकारी मान्यता वाले संस्थान में प्रवेश मिले।
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