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साहित्य लहर

बाल कहानी : चोरी का खुलासा

पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई और पुलिस दिलीप को पकड कर ले गयी। वही चेतन के पिता को दुकान पर सहायता के लिए अनजान लडके को रखना भारी पड गया । #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर (राजस्थान)

चेतन के पिता किराणे की दुकान चलाया करते थे। उनके यहां दयाल नाम का लडका काम करता था जो बहुत ही ईमानदार था और पूरी निष्ठा व लगन के साथ कार्य करता था। कारोबार सही ढंग से चल रहा था। एक दिन सवेरे-सवेरे दयाल दुकान पर आया और बोला, सेठ साहब, मेरी माताजी का निधन हो गया है। इसलिए मैं आज से काम पर नही आऊंगा।

चेतन के पिता ने बारह दिन तक दयाल की सहायता की। उसे समझाया कि होनी को कौन टाल सकता है हिम्मत से काम लिजिए और काम पर लग जाइए। लेकिन दयाल दुकान पर काम के लिए राजी नहीं हुआ। फिर भी चेतन के पिता ने दयाल से कहा कि बेटा ! जब भी तुम्हारा मन करे तब काम पर आ जाना। दुकान तुम्हारी ही है।

जब दयाल दुकान पर नहीं आया तो चेतन के पिता ने दिलीप नाम के एक अन्य लडके को काम पर रख लिया। जब मालिक दुकान पर नहीं होता तो दिलीप चुपचाप सामान बेचकर पैसे खुद की जेब में रख लेता था। एक दिन चेतन दुकान पर आया और स्टाक चैक किया तब दुकान के स्टाक और ब्रिक्री मे बडा अंतर पाया तब जाकर चोरी का खुलासा हुआ।

तब उन्होंने सीसीटीवी के फुटेज चैक किये जिससे चोरी का राज खुल गया। पूछताछ में दिलीप ने बताया कि वह पिछले तीन माह से ऐसा कर रहा है और अब तक उसने करीब पांच लाख का सामान चोरी छिपे बेच चुका है। पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई और पुलिस दिलीप को पकड कर ले गयी। वही चेतन के पिता को दुकान पर सहायता के लिए अनजान लडके को रखना भारी पड गया।


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