बाल कहानी : श्रमदान

बाल कहानी : श्रमदान, उन्होंने कहा कि जहां साफ सफाई रहती है, वहां कभी भी बीमारियां नहीं पनपती है। हर गली, मौहल्ला, गांव व शहर साफ सुथरा होगा, तभी तो स्वच्छ भारत का सपना साकार होगा। अतः हर देशवासी अपनी-अपनी गली मौहल्ला को साफ सुथरा रखकर स्वच्छ भारत अभियान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर (राजस्थान)
अशोक, संजय, गोपाल, सुनील व चेतन ने दीपावली पर गांव को साफ सुथरा करने की योजना बनाई और स्कूल के प्रधानाचार्य जी को बताई। बच्चों की योजना उन्हें बेहद पसंद आई और उन्होंने तत्काल सरपंच लालचंद के नाम पत्र लिखकर बच्चों के साथ भिजवा दिया। पत्र पढकर सरपंच लालचंद बच्चों की बात को स्वीकार कर लिया।
निर्धारित समय पर स्कूल में कार्यक्रम आयोजित किए गए और उसके बाद बच्चों ने टोलियां बनाकर अलग-अलग गलियों में जाकर श्रमदान किया और गलियों को साफ सुथरा कर चमका दिया। वहीं घर – घर जाकर गांव वालों को समझा दिया कि वे कचरा, कूड़ा-करकट इधर उधर न डालकर गली के नुक्कड़ पर रखे डस्टबिन में ही डाले।
जहां से हर रोज सफाईकर्मी आकर कूड़ा-करकट ले जायेंगे। सरपंच लालचंद ने हर गली के नुक्कड़ पर डस्टबिन रखवा दिये। सभी ने अब संकल्प लिया कि वे न तो कूड़ा-करकट इधर उधर फैंकेंगे और न ही फैंकने देंगे कुछ ही दिनों में गांव की काया ही पलट गई और राज्य सरकार ने उस गांव को आदर्श गांव घोषित कर दिया। इधर बच्चों का श्रमदान सार्थक सिध्द हुआ। अब हर गली, मौहल्ला साफ सुथरा रहने लगा।
एक दिन अचानक जिलाधीश महोदय ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ उस गांव की स्कूल का निरीक्षण किया और साफ सुथरा देखकर आश्चर्यचकित रह गए। स्कूल में एक छोटा सा समारोह आयोजित कर जिलाधीश महोदय ने श्रमदान करने वाले विधार्थियों, स्कूल के प्रधानाचार्य जी व सरपंच महोदय को सम्मानित करते हुए कहा कि आप लोगों ने श्रमदान कर देश की जनता के समक्ष आदर्श उदाहरण पेश किया है।
उन्होंने कहा कि जहां साफ सफाई रहती है, वहां कभी भी बीमारियां नहीं पनपती है। हर गली, मौहल्ला, गांव व शहर साफ सुथरा होगा, तभी तो स्वच्छ भारत का सपना साकार होगा। अतः हर देशवासी अपनी-अपनी गली मौहल्ला को साफ सुथरा रखकर स्वच्छ भारत अभियान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
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