
देहरादून| राज्य के शहरी विकास को नई दिशा देने के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में शहरी विकास विभाग की “गेम चेंजर” योजनाओं की उच्च स्तरीय समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि राज्य के सभी नगर निकायों में स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता केवल प्रशासनिक कार्य नहीं, बल्कि सामाजिक भागीदारी का विषय है। इसके लिए नागरिकों को जागरूक करते हुए जनसहभागिता को प्रोत्साहित किया जाना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि जिन नगर निकायों ने स्वच्छता सर्वेक्षणों में अच्छा प्रदर्शन किया है, उन्हें प्रोत्साहन और मान्यता दी जाए ताकि अन्य निकायों को भी प्रेरणा मिल सके। उन्होंने कहा कि शहरी विकास विभाग को ऐसी योजनाओं पर काम करना चाहिए जो आम जनमानस के जीवन को सीधे प्रभावित करें और नगरीय जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाएं।
नागरिक सुविधाओं की व्यापक समीक्षा
स्वच्छता के साथ-साथ मुख्यमंत्री ने शहरी क्षेत्रों में नागरिक सुविधाओं के विस्तार और रख-रखाव की भी गहन समीक्षा की। उन्होंने स्ट्रीट लाइट व्यवस्था, सीवर लाइन, पार्किंग व्यवस्था, ट्रैफिक प्रबंधन और ई-वेस्ट निस्तारण की योजनाओं को समयबद्ध ढंग से पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से जोर दिया कि पार्कों के निर्माण और पुराने पार्कों के सौंदर्यीकरण के कार्य में गति लाई जाए ताकि लोग बेहतर सार्वजनिक स्थलों का उपयोग कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि नगर निकायों के राजस्व में वृद्धि के लिए नवाचार को बढ़ावा दिया जाए। आय के नए स्रोतों की खोज, डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप जैसी पहलें इसमें सहायक हो सकती हैं।
केंद्र सरकार द्वारा सहायता प्राप्त योजनाओं को मिले प्राथमिकता
मुख्यमंत्री धामी ने निर्देश दिए कि शहरी विकास विभाग के अंतर्गत संचालित 90% केंद्रीय सहायता प्राप्त योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से न केवल शहरों की तस्वीर बदलेगी, बल्कि नागरिकों का भरोसा भी सरकार पर बढ़ेगा।
देवभूमि रजत जयंती पार्क होंगे आधुनिक सुविधाओं से युक्त
बैठक में शहरी विकास सचिव श्री नितेश कुमार झा ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न नगर क्षेत्रों में देवभूमि रजत जयंती पार्क विकसित किए जा रहे हैं। ये पार्क योग, वॉकिंग और ओपन जिम जैसी सुविधाओं से युक्त होंगे, जिससे शहरी जीवन में स्वास्थ्य और मनोरंजन के लिए बेहतर विकल्प उपलब्ध होंगे। उन्होंने बताया कि ये पार्क राज्य स्थापना की 75वीं वर्षगांठ (9 नवम्बर 2026) तक पूर्ण रूप से तैयार कर लिए जाएंगे।
वर्षा जल संचयन और स्मार्ट स्ट्रीट लाइट व्यवस्था पर भी फोकस
श्री झा ने जानकारी दी कि शहरी क्षेत्रों में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए पचास लाख लीटर वर्षा जल संग्रहण की वार्षिक योजना पर कार्य चल रहा है। इसके अतिरिक्त, राज्य के 11 नगर निगमों में केंद्रीयकृत नियंत्रण एवं प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से स्ट्रीट लाइट व्यवस्था को आधुनिक बनाने का कार्य भी प्रगति पर है।
वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हुआ मंथन
इस बैठक में अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव श्री श्रीधर बाबू अदांकी, अपर सचिव श्री गौरव कुमार तथा सी.पी.पी.जी.जी. के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री मनोज पंत सहित अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री धामी की यह समीक्षा बैठक प्रदेश में शहरी विकास को एक नई दिशा देने की कोशिश मानी जा रही है, जिसमें स्वच्छता, टिकाऊ विकास और तकनीकी नवाचार को केंद्र में रखा गया है। अब देखना यह होगा कि इन निर्देशों को ज़मीनी स्तर पर कितनी तेजी और गुणवत्ता के साथ लागू किया जा सकेगा।