
राजीव कुमार झा
बिहार में विधानसभा चुनाव निकट आ गए हैं और इससे पहले नीतीश कुमार की सरकार जनता को खुश करने के तमाम कार्यों में जुटी दिखाई दे रही है। इसमें 125 यूनिट तक बिजली शुल्क माफ करने के अलावा, वृद्धावस्था पेंशन को 400 से बढ़ाकर 1100 रुपए करने का निर्णय अत्यंत महत्वपूर्ण है। वृद्धावस्था पेंशन पाने वालों में काफी तादाद में गरीब लोग भी शामिल हैं और इस राशि से उन्हें खाने-पीने में सहूलियत होगी और इलाज में भी मदद मिलेगी। नीतीश कुमार की सरकार ने जीविका के माध्यम से महिलाओं को भी रोजगार देने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है और उन्हें काम-धंधा या उद्योग शुरू करने के लिए प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जा रहा है।
यह सब बिहार वासियों के लिए काफी सुखद है और अनुमान लगाए जा रहे हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में जदयू-भाजपा गठबंधन शायद सत्ता में वापस लौट आए, लेकिन इसे मान लेना उतना आसान नहीं होगा। राजद के नेतृत्व में बिहार में कांग्रेस और अन्य पार्टियां भी सत्ता में वापसी की कोशिशों में जुटी हैं। राजद में तेजस्वी यादव बनाम तेज प्रताप यादव विवाद से माहौल गर्म है। लालू प्रसाद द्वारा तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी चुनने से उनके सामने चुनौतियां बढ़ रही हैं और सोशल मीडिया पर तेज प्रताप यादव के हालिया परिपक्व वक्तव्यों से उनके प्रति जनता के मन में नये सिरे से आस्था और विश्वास भी कायम हो रहा है।
राजद से अलग होकर उन्होंने नई पार्टी भी बनाई है और चिराग़ पासवान के बारे में भी सुनने में आया है कि उनकी पार्टी बिहार की तमाम विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इन स्थितियों में जाहिर है कि चिराग़ पासवान भी बिहार के मुख्यमंत्री पद पर आसीन होने का सपना देख रहे हैं, लेकिन यह आसान नहीं होगा। बिहार का आगामी मुख्यमंत्री किसी फैशनपरस्त या अनजान शख्स से नहीं होगा, बल्कि वह बिहार की राजनीति और मिट्टी में पला बढ़ा ऐसा व्यक्ति होगा, जिसके माथे पर बिहार की वर्तमान राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने का महत्वपूर्ण दायित्व होगा।
यहां जनता की जवाबदेही काफी बढ़ जाती है और उसे अपनी सरकार को गठित करने में सूझबूझ से चुनावी अखाड़े में उतरना होगा। इस बार के चुनाव में नई और पुरानी पीढ़ी के काफी नेता भाग लेने की संभावना जताई जा रही है। यह जानना सबके लिए दिलचस्प होगा कि प्रशांत किशोर कहां से चुनाव लड़ेंगे और क्या चिराग़ पासवान भी बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। विजय कुमार सिन्हा अपने विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों काफी सक्रिय हैं। यकीन कीजिए, सम्राट चौधरी और मंगल पांडे इन सबको चुनाव के मैदान में देखा जा सकेगा और सबको जिताना-हराना यह सब एक तरह से जनता का ही खेल होगा।