जिले में 437 नाबालिगों के चालान कटे, अभिभावकों ने बच्चों को थमाई साइकिल
जिले में 437 नाबालिगों के चालान कटे, अभिभावकों ने बच्चों को थमाई साइकिल, ऐसे में अभिभावक अब बच्चों को वाहन थमाने के बजाए साइकिल थमा रहे हैं। स्कूल, कालेज एवं कोचिंग सेंटर में साइकिल से ही भेज रहे हैं। 25 दिन के दौरान पूरे जिले में 437 नाबालिगों के चालान काटे जा चुके हैं।
रुड़की। साइकिल छोड़ स्कूटी, बुलेट, मोटरसाइकिल एवं कार की सवारी करने वाले नाबालिगों के अभिभावकों को अदालत में भारी-भरकम जुर्माना भुगतना पड़ रहा है। सुबह से लेकर शाम तक अदालत में खड़े होकर गिडगिड़ाना पड़ रहा है। इतना ही नहीं सीज वाहन को छुड़वाने के लिए दो-दो जमानती तक ले जाने पड़ रहे हैं।
ऐसे में अभिभावक अब बच्चों को वाहन थमाने के बजाए साइकिल थमा रहे हैं। स्कूल, कालेज एवं कोचिंग सेंटर में साइकिल से ही भेज रहे हैं। 25 दिन के दौरान पूरे जिले में 437 नाबालिगों के चालान काटे जा चुके हैं। सड़क दुर्घटना के अधिकांश मामलों में पुलिस की ओर से पाया गया कि नाबालिगों की ओर से वाहनों को लापरवाही से चलाने की वजह से ऐसा हो रहा है। इसके अलावा कई छात्रों की मौत सड़क हादसों में दोपहिया वाहन चलाते समय हो चुकी है।
नाबालिगों में वाहन का क्रेज लगातार बढ़ रहा है। इसको हतोत्साहित करने के लिए पुलिस महकमे की ओर से एक दिसंबर नाबालिगों के खिलाफ अभियान शुरु कर दिया। नाबालिगों के वाहन चलाने पर पुलिस उनके चालान काटने के साथ ही वाहन को सीज कर दे रही है। यहीं वजह है कि पूरे जनपद में 25 दिसंबर तक 437 नाबालिगों के चालान काटे जा चुके हैं।
पुलिस की ओर से यह अभियान अभी भी जारी है। रुड़की में प्रतिदिन आठ से दस मामले अपर सिविल जज प्रथम की अदालत में पहुंच रहे थे। जिसमें 25 हजार जुर्माना देने के साथ ही अभिभावक को दो जमानती लाकर जमानत तक करानी पड़ रही है। ऐसे में भारी भरकम जुर्माने से डरे अभिभावक अब बच्चों को साइकिल से ही स्कूल, कालेज एवं कोचिंग सेंटर भेज रहे हैं।
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