साहित्य लहर
साहित्य लहर श्रेणी के अन्तर्गत हिन्दी साहित्य (Hindi literature) और साहित्यकारों की रचनाओं का प्रकाशन किया जाता है। जिसमें कहानी (stories), कविता (poems), लघुकथा और ग़ज़लों (short stories & ghazals) का प्रकाशन होता है।
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गुलाबी ठंड
बारिश विदा हो गई बादल साफ हो गये मौसम बदल रहा है रफ्ता- रफ्ता… दबे पांव आने लगी गुलाबी ठंड…
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कविता : रावण तो आज भी जिंदा है…
सरकार हर वर्ष रावण का पुतला बनवाती हैं और उस पर लाखों रूपये खर्च करती हैं और रावण दहन के…
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कविता : सात समंदर
तुम्हारी मासूमियत से सबकी अदाएं फीकी हो जातीं बरसात के बाद धरती का दामन सुहाना हो उठा अरी सुंदरी शाम…
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मनुष्य और प्रकृति
न हवा शुद्ध है न पानी शुद्ध है न धूप शुद्ध है न छांव शुद्ध है मनुष्य के स्वार्थ ने…
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गीत : हे जगजननी
हे जगजननी जगदंब भवानी अबके बार कृपा कर देना सहता आया हूँ जो अबतक सारे दुःख मेरे हर लेना तुम…
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पुस्तक समीक्षा : मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण है काव्य संग्रह ‘जीजिविषा’
देश की वरेण्य कवयित्री लखनऊ निवासी मोनिका जी की काव्य संग्रह जीजिविषा पढ़ने को मिली। इस काव्य संग्रह में मानवीय…
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कविता : घरौंदा
हसरतों ने तुम्हें गुलजार करके जिंदगी के सफ़र में रोज आकर खुशियों से रंग भरती अपने भरोसे सबके बीच बेपरवाह…
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बाल कहानी : दीपक की रोशनी
दीपावली के दिन ज्यों ज्यों नजदीक आ रहे थे, त्यों त्यों सडक के किनारे माटी के दीपक, सुराही, खिलौने बेचने…
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बाल कहानी : देश-प्रेम
सुनील की देश के प्रति गहरी भक्ति थी। उसे इस बात का दुःख था कि चंद लोगों की खातिर जनता…
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लघुकथा : मासूम सी मुस्कान
घर पर कार्य चल रहा था। दोपहर को अपने मजदूर के लिए नाश्ता लेने मैं हलवाई की दुकान पर चला…
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