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जन्माष्टमी पर गायों को बचाने की पुकार

(विलक्षण उपाध्याय)

सांचौर। भारत में कन्हैया का जन्म उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी कैदारेश्वर गौ आश्रम चौरा में यह धार्मिक उत्सव मनाया गया। इसमें शामिल बच्चों द्वारा राधा-कृष्ण की मनमोहक झांकी सजाई गई। किरण सिंह, लक्ष्मी कंवर व विनोद बाईसा ने राधा-कृष्ण की झांकी में शामिल बच्चों को तिलक लगाकर पूजा अर्चना की।

माखन मिश्री का भोग लगाकर उनकी आरती उतारी। राधा कृष्ण के वेश में सजे बच्चे लोगों को आकर्षित कर रहे थे। सचिव उम्मेद सिंह ने बताया जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण की पूजा करने से संतान प्राप्ति का सुख मिलता है। जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने के साथ उपवास रखने से कई व्रतों का फल मिल जाता है।

इस दिन घरों और मंदिरों में झांंकी भी सजाई जाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जन्माष्टमी पर बाल गोपाल को झूला झुलाने का विशेष महत्व है। पंचायत समिति सदस्य शांता चौधरी जन्माष्टमी के बारे में बताते हुए कहा भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के दिन रखे जाने वाले व्रत की अपार महिमा बताई गई है। ऐसी मान्यता है कि कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करने से 20 करोड़ एकादशी का फल मिलता है।

लंपी बीमारी के शिकार हुई गायों के चौरा ग्राम लोगों ने भगवान कृष्ण से अरदास लगाई प्रभु पशुओं को बचाना तेरे हाथ में हैं इधर कन्याओं ने अपने व्रत में इस बीमारी पशुओं में से खत्म करने का आशीर्वाद मांगा। जन्माष्टमी का व्रत रखने से व्यक्ति को अकाल मृत्यु और पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है व मोक्ष की प्राप्ति होती है। कृष्ण जन्मोत्सव पर हर कोई भगवान की भक्ति में डूबा रहता है। वहीं, केदारेश्वर गौ आश्रम चौरा में भी भक्तों का भारी जमावड़ा लगता है।

राधा-कृष्ण का रूप धारण किए बच्चों ने नृत्य भी किए। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर हेमराज चौधरी व हड़मत सिंह ने जन्माष्टमी मनाए जाने के आध्यात्मिक रहस्य के बारे में बताया। इस दौरान लोगों ने फूलों व सुंदर वस्त्रों से सजे पालने में भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप को प्रतिस्थापित कर झुलाया।

सोहर गीत भी गाए और मनोवांछित फल की कामना की। इसके बाद मौजूद लोगों को माखन-मिश्री व पकवान खिलाए गए। कार्यक्रम में उम्मेद सिंह,रतन देवासी, तिकमा राम जेसीबी वाला,भावा राम चौधरी, ईश्वर गर्ग, लसा राम मेघवाल,वेला राम,डूंगरा राम सहित 36 कॉम के सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

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