साहित्य लहर
क्रेता और विक्रेता के संबंध

सुनील कुमार माथुर
गुरु कहते है कि आज विधार्थी
अध्यापकों का सम्मान नहीं करते और
विधार्थी कहते है कि
अध्यापकों का सम्मान क्या करें
हम मोटी मोटी फीस देकर
स्कूलो में पढते हैं, ट्यूशन के लिए
जबरन इनके भोग चढाते है
मोटी मोटी ट्यूशन की फीस भरते है
शिक्षक आज विधार्थी को पढाते ही नहीं वरन्
वे विधार्थी के साथ शिक्षा का
व्यापार कर रहे है और
विधार्थी फीस देकर
डिग्री खरीद रहा है अतः दोनों में
गुरु शिष्य के संबंध
गुरू शिष्य के न होकर
क्रेता और विक्रेता के संबंध है
फिर भला हम कैसे
गुरूजनों का सम्मान करे
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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