पुस्तक समीक्षा : साधना हेतु सजगता आवश्यक
(देवभूमि समाचार)
समीक्षक : सुनील कुमार माथुर
लेखक : डां चंचलमल चोरडिया
पृष्ठ 24 ( चार कवर पृष्ठ पृथक से )
सहयोग राशि 20 रुपये ।
प्रकाशक — कल्याणमल चंचलमल चोरडिया ट्रस्ट , जोधपुर चोरडिया भवन , गोल बिल्डिंग रोड , जालोरी गेट के बाहर , जोधपुर —३४२००३ राजस्थान । मो नं ९४१४१३४६०६
डां चंचलमल चोरडिया ध्दारा लिखी गई पुस्तक साधना हेतु सजगता आवश्यक आज की युवापीढ़ी के लिए एक बहुत ही आवश्यक , प्रेरणादायक , शिक्षाप्रद व आदर्श मार्गदर्शिका है । लेखक ने चौबीस पृष्ठों की इस पुस्तक के माध्यम से गागर मे सागर भरने का कार्य किया है और यह पुस्तक समाज की हर आयु , वर्ग व जाति के लोगो के लिए उपयोगी सिध्द होगी । चूंकि इसमें प्रकाशित सभी आलेख प्रेरणादायक व हमारे जीवन को सही दिशा प्रदान करने वाले है ।
चार कवर पृष्ठों पर नर नारायण बन जायेगा , ए मेरे मन जरा , आनंद स्त्रोत बह, कहा मेरा मान रे , अवगुण छोडो , गुणों का अब जैसी प्रेरणादायक रचनाएं दी हुई है जिन्हें बार – बार गुनगुनाने का मन करता हैं ।
इस लघु पुस्तक मैं डां चंचलमल चोरडिया ने आधुनिक समय धार्मिक प्रवृतियों के अनुकूल , लक्ष्य हीन साधना अप्रभावशाली , साधना की नियमित समीक्षा आवश्यक , साधना का विकृत रूप अंहतुष्टि , साधक तनाव ग्रस्त क्यों ? साधना में नैतिकता आवश्यक , साधना दिखावे की वस्तु नहीं जैसे विषय पर काफी सटीक व कटु सत्य लिखा है ।
पुस्तक भले ही आकार में छोटी है लेकिन आज की युवापीढ़ी के व्यक्तित्व में निखार लाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने में सहायक सिध्द होगी पुस्तक की कीमत भले ही बीस रुपये है लेकिन व्यक्ति के चरित्र निर्माण कर नैतिक मूल्यों की अमूल्य सामग्री परोस रही है । कुल मिलाकर गागर में सागर भरने का प्रयास किया गया है । कागज उच्च क्वालिटी का है और पुस्तक का गेट अप व मेक अप अच्छा है ।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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