
देहरादून | उत्तराखंड भाजपा संगठन में फेरबदल और नई कार्यकारिणी की घोषणा इसी सप्ताह होने जा रही है। 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी अपनी नई टीम उतारने की तैयारी कर चुकी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट दिल्ली दौरे से लौट आए हैं और दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व के साथ नई कार्यकारिणी को लेकर मंथन पूरा कर लिया गया है। अब केवल औपचारिक घोषणा बाकी है।
31 पदाधिकारियों की टीम बनेगी
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने बताया कि आगामी तीन से चार दिनों में नई कार्यकारिणी की घोषणा कर दी जाएगी। इसमें कुल 31 पदाधिकारी होंगे। ढांचे के अनुसार –
- 8 प्रदेश उपाध्यक्ष
- 8 प्रदेश मंत्री
- 3 महामंत्री
- 1 महामंत्री (संगठन)
- 1 प्रदेश मीडिया प्रभारी
- 1 कोषाध्यक्ष
- 1 कार्यालय सचिव
इस तरह संगठन का ढांचा व्यापक रूप से तैयार किया गया है ताकि आने वाले दो वर्षों में पार्टी बूथ स्तर तक अपनी पकड़ और मजबूत कर सके।
महिला को भी मिल सकती है अहम जिम्मेदारी
सूत्रों के अनुसार इस बार भाजपा संगठन में महिला नेताओं की भागीदारी और अधिक बढ़ाई जा सकती है। माना जा रहा है कि प्रदेश महामंत्री का पद किसी महिला नेता को सौंपा जा सकता है। पार्टी का यह कदम महिलाओं और युवाओं के बीच अपनी पैठ मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
मोर्चों में भी होंगे बदलाव
प्रदेश संगठन की नई टीम के साथ-साथ सात अलग-अलग मोर्चों के अध्यक्ष भी घोषित किए जाएंगे। इनमें –
- युवा मोर्चा
- किसान मोर्चा
- महिला मोर्चा
- अनुसूचित जाति मोर्चा
- ओबीसी मोर्चा
- अल्पसंख्यक मोर्चा
- अनुसूचित जनजाति मोर्चा
इन मोर्चों के माध्यम से पार्टी अलग-अलग वर्गों और समुदायों तक अपनी पहुंच बनाने का प्रयास करेगी।
2027 चुनाव पर नजर
भाजपा नेतृत्व का मानना है कि संगठन की नई टीम बनने से पार्टी की चुनावी तैयारियों को नई गति मिलेगी। कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपकर उन्हें 2027 विधानसभा चुनाव से पहले बूथ स्तर तक सक्रिय किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही कई बार कह चुके हैं कि पार्टी की जीत संगठन की मजबूती पर निर्भर है।
संगठन की मजबूती पर जोर
भाजपा के रणनीतिकारों का कहना है कि उत्तराखंड जैसे छोटे लेकिन राजनीतिक रूप से संवेदनशील राज्य में संगठन का नेटवर्क बेहद अहम है। 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के बाद अब भाजपा 2027 में भी सत्ता दोहराने के लक्ष्य को लेकर चल रही है। इसके लिए बूथ समितियों और पन्ना प्रमुखों तक संगठन की पकड़ बनाए रखना जरूरी है।
विपक्ष पर नजर
भाजपा की नई कार्यकारिणी की घोषणा ऐसे समय में हो रही है जब कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भी राज्य में अपनी सक्रियता बढ़ाने में लगे हैं। भाजपा नहीं चाहती कि संगठनात्मक स्तर पर कोई ढील विपक्ष को फायदा पहुंचा दे। यही कारण है कि शीर्ष नेतृत्व ने समय रहते नई टीम बनाने पर जोर दिया है।