भागवत कथा परमार्थ की कथा : पं दाधिच

भागवत कथा परमार्थ की कथा : पं दाधिच, धर्मप्रेमी सुनील कुमार माथुर ने बताया कि पं दाधिच ने कथा के दौरान कहा कि राम के नाम से जब पत्थर तक तैर जाते है तब हम तो इंसान हैं जो राम के नाम का स्मरण कर…
कलयुग में भजन की महिमा सर्वश्रेष्ठ है। व्यक्ति को जीवन में भजन कीर्तन करते रहना चाहिए । इस संसार मे़ आये हैं तो हमारा पहला कर्तव्य है कि हम भगवान की भक्ति करे चूंकि हमें जो कुछ भी मिला है वह भगवान की कृपा से ही मिला हैं। यह उद् गार गौसेवक कथावाचक पं अशोक महाराज दाधिच ने शोभावतों की ढाणी यू आई टी पार्क में भागवत कथा के दूसरे दिन व्यक्त किये।
धर्मप्रेमी सुनील कुमार माथुर ने बताया कि पं दाधिच ने कथा के दौरान कहा कि राम के नाम से जब पत्थर तक तैर जाते है तब हम तो इंसान हैं जो राम के नाम का स्मरण कर भव सागर पार हो सकते हैं लेकिन इंसान ऐसा नहीं कर रहा है उसकी भक्ति में प्रभु की भक्ति का भाव नही है। उन्होंने कहा कि ईश्वर के नाम की बडी महिमा हैं। भागवत कथा किसी जात पांत की कथा नहीं है अपितु परमार्थ की कथा है।
उन्होंने कहा कि जीवन में तप का बडा ही महत्व हैं तप से हर वस्तु की कीमत बढ जाती हैं ठीक उसी प्रकार धन को जन कल्याण के कार्यो में लगाने से उसका महत्व बढ जाता हैं। उन्होंने कहा कि जब मन निर्मल होगा, तभी भगवान के दर्शन होंगे जहां छल कपट है वहां भगवान कहां।
उन्होंने कहा कि जिस घर में एक गाय हैं उस घर का कल्याण निश्चित है ठीक उसी प्रकार एक नगरी में एक संत है तो उस नगरी का कल्याण निश्चित है। उन्होंने कहा कि हरिध्दार जाकर भी अगर हम क्रोध, अंहकार , घमंड,ईर्ष्या को नही छोडा तब तक कोई लाभ मिलने वाला नही़ है और न ही कल्याण होगा। अत जीवन में तमाम बुराइयों का त्याग करना होगा
पं दाधिच ने कहा कि शरीर पर केवल इत्र छिडक देने मात्र से खुशबू नहीं आती हैं अपितु खुशबू श्रेष्ठ चरित्र से आनी चाहिये तभी जीवन का कल्याण सभव हैं।
👉 देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है। अपने शब्दों में देवभूमि समाचार से संबंधित अपनी टिप्पणी दें एवं 1, 2, 3, 4, 5 स्टार से रैंकिंग करें।
Nice
Very nice👍
Nice article
Nice
Nice