
बड़हिया में अभी तक कोई नगर भवन भी नहीं है और विजय घाट पर सीढ़ियां भी नहीं बन पाई हैं। हरेक साल छोटे बच्चे यहां गंगा की धारा में डूब जाते हैं। ठेकेदारों ने गंगा नदी के तल से बालू मिट्टी को निकालकर नदी तट के नीचे काफी गड्ढों को बना दिया है. #राजीव कुमार झा
[/box]बिहार के लखीसराय जिले के बड़हिया बाजार में छोटे और फुटकर व्यापार का कारोबार परंपरागत रूप से पिछड़ी जातियों के हाथों में रहा और इन लोगों को टाल में कोई खेत जमीन नहीं है। यहां मारवाड़ी कपड़ों की दुकानों के अलावा अन्य प्रकार के व्यवसाय में काफी समय से जुटे रहे हैं। लालू प्रसाद के कार्यकाल में विधि व्यवस्था यहां भी बिगड़ गई और रंगदारों के कई गिरोह यहां उभरकर सामने आए।
इनका काम बाजार में कारोबारियों से पैसा वसूलना बताया जाता है और रंगदारों में इस प्रश्न पर खून खराबा भी शुरू हुआ और इसमें भारी तादाद में भूमिहार ब्राह्मण युवकों की हत्याएं हुईं लेकिन अब इस प्रकरण का पटाक्षेप हो गया बताया जाता है और ज्यादातर मारवाड़ी भी आतंकित होकर अपना कारोबार समेटकर दूसरे शहरों में चले गये और वहां से उनको यहां आना नापसंद है।
बड़हिया में स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों ने कर्पूरी ठाकुर के जमाने में अपराध के खिलाफ थाना के सामने प्रदर्शन और पथराव किया था जिसमें पुलिस गोलीबारी में काफी निरीह छात्रों की मौत हो गयी थी। कर्पूरी ठाकुर के जमाने में ही बिहार में अपराध शुरू हुआ था और मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने बिहार में अपराधियों के आगे हथियार डाल दिया था और बड़हिया उसकी चपेट में आ गया।
कपिलदेव सिंह लंबे समय तक बड़हिया की राजनीति के सर्वेसर्वा बने रहे और यहां के जनजीवन को समाजवादी जीवनादर्शों की ओर उन्मुख करने का श्रेय उनको दिया जाता है। बड़हिया के लोहिया चौक पर उन्होंने स्मारक बनवाया और अब इसे यात्री पड़ाव बना दिया गया है। आज बड़हिया भाजपा की राजनीति का केंद्र है लेकिन पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार को भी काफी तादाद में यहां लोगों ने वोट दिया और भाजपा उम्मीदवार के साथ कांग्रेस उम्मीदवार का मुकाबला कांटे का माना गया।
बड़हिया में अभी तक कोई नगर भवन भी नहीं है और विजय घाट पर सीढ़ियां भी नहीं बन पाई हैं। हरेक साल छोटे बच्चे यहां गंगा की धारा में डूब जाते हैं। ठेकेदारों ने गंगा नदी के तल से बालू मिट्टी को निकालकर नदी तट के नीचे काफी गड्ढों को बना दिया है और यह अवैध उत्खनन पुलिस निगरानी में दिया जाना चाहिए।
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