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बनभूलपुरा रेलवे प्रकरण की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अब तीन फरवरी को होगी, लेकिन इलाके में पुलिस का पहरा यथावत है। सुरक्षा कारणों से पीएसी, महिला पुलिस और खुफिया एजेंसियां लगातार निगरानी में जुटी हैं।
- तीन फरवरी तक टली सुनवाई, बनभूलपुरा में पुलिस-पीएसी की सख्त तैनाती बरकरार
- रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले में 50 हजार से अधिक आबादी की बढ़ी चिंता
- लाइन नंबर 17, गौला पुल और इंदिरानगर में लगातार चेकिंग
- ड्रोन, कैमरे और एलआईयू से हर गतिविधि पर नजर
- सुनवाई टलने से राहत भी, असमंजस भी गहराया
हल्द्वानी। बनभूलपुरा में रेलवे भूमि अतिक्रमण से जुड़े संवेदनशील मामले की सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई भले ही आगे बढ़कर अब तीन फरवरी तय कर दी गई हो, लेकिन क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था में किसी तरह की ढील नहीं दी गई है। शनिवार देर शाम तक बनभूलपुरा में थानों, चौकियों और पीएसी के जवानों की तैनाती पूरी तरह बरकरार रही। घनी आबादी और मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क नजर आ रहा है।
लाइन नंबर 17, गौला पुल, इंदिरानगर सहित बनभूलपुरा के अन्य इलाकों में पुलिसकर्मी पहले की तरह मुस्तैदी से तैनात हैं। संदिग्ध वाहनों की लगातार चेकिंग की जा रही है और लोगों से पूछताछ भी जारी है। महिला पुलिसकर्मियों को भी ड्यूटी में शामिल किया गया है ताकि किसी भी स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। एसपी सिटी मनोज कत्याल ने स्पष्ट किया कि रेलवे प्रशासन की ओर से कोई नया निर्देश मिलने पर ही सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा, फिलहाल सतर्कता बनाए रखना जरूरी है।
बताया जा रहा है कि बनभूलपुरा क्षेत्र में 31 हेक्टेयर से अधिक रेलवे भूमि पर अतिक्रमण का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। रेलवे का दावा है कि करीब 4365 मकान उसकी भूमि पर बने हुए हैं, जिससे लगभग 50 हजार से अधिक लोगों की आबादी प्रभावित हो रही है। इस प्रकरण को लेकर लंबे समय से न्यायिक सुनवाई चल रही है और तारीखें आगे बढ़ने से स्थानीय लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
सुरक्षा के मद्देनजर बनभूलपुरा थाने के अलावा चार चौकी प्रभारी, दस दारोगा व अपर उपनिरीक्षक, 28 सिपाही और पीएसी की पुरुष व महिला टुकड़ियां तैनात की गई हैं। इसके साथ ही क्षेत्र में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन के माध्यम से हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है। खुफिया इकाई एलआईयू भी लगातार हालात की जानकारी जुटाने में लगी हुई है, ताकि किसी भी तरह की अफवाह या अप्रिय स्थिति को समय रहते रोका जा सके।
पहले यह चर्चा थी कि इस मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को हो सकती है, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट में तीन फरवरी को अहम सुनवाई तय की गई है। सुनवाई की तारीख आगे बढ़ने से बनभूलपुरा के हजारों लोगों को फिलहाल कुछ राहत तो जरूर मिली है, लेकिन भविष्य को लेकर अनिश्चितता भी और गहरा गई है। शनिवार शाम से ही तंग गलियों और चौराहों पर लोग इसी बात पर चर्चा करते नजर आए कि आगे क्या होगा और न्यायालय का फैसला किस दिशा में जाएगा। अब सबकी निगाहें तीन फरवरी की सुनवाई पर टिकी हैं, जब इस पूरे मामले की दिशा तय होने की उम्मीद है।





