अब मोबाइल पर बनेगा आयुष्मान कार्ड
अब मोबाइल पर बनेगा आयुष्मान कार्ड, सभी शिक्षण संस्थानों को पांच वर्ष से अधिक आयु के छात्र-छात्राओं के आयुष्मान कार्ड व आभा आईडी बनाने के निर्देश दिए गए। 26 सितंबर से दो अक्तूबर तक प्रदेश के सभी जिलों में आयुष्मान कार्ड और आभा आईडी बनाने का अभियान चलाया जाएगा।
देहरादून। प्रदेश में जिन लोगों ने अभी तक मुफ्त इलाज की सुविधा के लिए आयुष्मान कार्ड नहीं बनाया है। अब वे अपने मोबाइल पर आयुष्मान भारत एप डाउनलोड कर कार्ड बना सकते हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने इस एप को तैयार किया है। इसके अलावा जन सुविधा केंद्रों में भी अब आयुष्मान कार्ड बनाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
एनएचए की ओर से पोर्टल पर आ रही लॉगिन समस्या को दूर कर लिया है। शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया से मुलाकात कर प्रदेश में चल रहे आयुष्मान भव अभियान की जानकारी दी। इसके साथ ही आयुष्मान कार्ड बनाने में आ रही तकनीकी दिक्कतों से अवगत कराया। इस पर केंद्रीय मंत्री ने एनएचए अधिकारियों को समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने एनएचए के अधिकारियों के साथ बैठक की।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया को और सुविधाजनक बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने स्टेट कॉर्डिनेटर उत्तराखंड को तकनीकी टीम के साथ देहरादून भेजा है।टीम ने प्रदेशभर के सभी जन सुविधा केंद्रों (सीएससी) की मैपिंग कर एनएचए पोर्टल पर आ रही लॉगिन समस्या को दूर कर लिया है। प्रदेश में आभा आईडी बनाने का कार्य भी तेजी से चल रहा है।
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सभी शिक्षण संस्थानों को पांच वर्ष से अधिक आयु के छात्र-छात्राओं के आयुष्मान कार्ड व आभा आईडी बनाने के निर्देश दिए गए। 26 सितंबर से दो अक्तूबर तक प्रदेश के सभी जिलों में आयुष्मान कार्ड और आभा आईडी बनाने का अभियान चलाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा, अभियान के दौरान प्रत्येक जनपद को प्रतिदिन 10 हजार आभा आईडी व 5 हजार आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य दिया है।
सभी जनपदों के सीएम को इस संबंध में निर्देश दिए गए। सीएमओ को प्रत्येक दिन की रिपोर्ट से स्वास्थ्य महानिदेशालय व शासन को देनी होगी। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, आयुष्मान भव अभियान के लिए जिलाधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
प्रत्येक जिलाधिकारी अपने जनपदों में स्वास्थ्य विभाग समेत समाज कल्याण, जनजाति कल्याण, विद्यालयी शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, पंचायतीराज, शहरी विकास विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर अभियान को सफल बनाएंगे। डीएम प्रत्येक दिन अभियान की समीक्षा कर रिपोर्ट शासन को भेजेंगे।
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