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उत्तराखंड सरकार औली को अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्कीइंग और पर्यटन केंद्र बनाने के लिए औली से गौरसो की चोटी तक चेयर कार रोपवे बनाने जा रही है, जिसकी डीपीआर पर काम चल रहा है। इस परियोजना से पर्यटकों की पहुंच आसान होगी और पर्वतमाला मिशन के तहत प्रदेश के पर्यटन को नई गति मिलेगी।
- पर्वतमाला मिशन के तहत औली को मिलेगी नई पहचान, रोपवे परियोजना पर तेज तैयारी
- औली–गौरसो रोपवे से आसान होगी पर्यटकों की आवाजाही, डीपीआर पर चल रहा काम
- स्कीइंग के लिए औली की ढलानों का होगा विकास, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
- धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ने के लिए उत्तराखंड में 50 रोपवे प्रस्तावित
चमोली। उत्तराखंड सरकार प्रदेश के पर्यटन ढांचे को मजबूत करने और दूरस्थ इलाकों तक सुगम पहुंच सुनिश्चित करने के लिए लगातार नई योजनाओं पर काम कर रही है। इसी क्रम में प्रसिद्ध पर्यटन स्थल औली को अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्कीइंग और टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की दिशा में एक अहम पहल की जा रही है। औली से आगे गौरसो की चोटी तक चेयर कार रोपवे बनाने की योजना तैयार की गई है, जिसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट यानी डीपीआर पर काम चल रहा है।
सरकार का उद्देश्य औली को देश-विदेश के पर्यटकों के लिए और अधिक आकर्षक बनाना है। इसके तहत न केवल रोपवे के माध्यम से आवागमन को आसान किया जाएगा, बल्कि औली की ढलानों को भी आधुनिक स्कीइंग सुविधाओं के अनुरूप विकसित किया जाएगा। इससे स्कीइंग के लिए आने वाले पर्यटकों को बेहतर अनुभव मिलेगा और क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा।
दूरस्थ पर्यटन और धार्मिक स्थलों तक पहुंच आसान बनाने के लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी पर्वतमाला मिशन योजना पर काम कर रही है। इस मिशन के अंतर्गत केंद्र सरकार की एजेंसी नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) को कई रोपवे परियोजनाओं की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पहले चरण में सोनप्रयाग से केदारनाथ और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक रोपवे की डीपीआर तैयार कर निर्माण कार्य का आवंटन किया जा चुका है।
इसके अलावा काठगोदाम से हनुमानगढ़ी मंदिर नैनीताल, कनकचौरी से कार्तिक स्वामी और उत्तरकाशी के रैथल बारसू से बरनाला तक रोपवे की डीपीआर भी तैयार की जा रही है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य धार्मिक यात्राओं को सरल और सुरक्षित बनाना है, ताकि बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांग श्रद्धालुओं को विशेष राहत मिल सके।
औली से जुड़े रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर यह भी ध्यान में रखा गया है कि जोशीमठ में हुए भू-धंसाव के कारण पूर्व में जोशीमठ से औली के बीच बने रोपवे को नुकसान पहुंचा था। अब इस रोपवे को नई और आधुनिक तकनीक से दोबारा विकसित किया जाना प्रस्तावित है। वहीं औली से आगे गौरसो की चोटी तक बनने वाले चेयर कार रोपवे की डीपीआर पहले ब्रिडकुल द्वारा तैयार की गई थी, लेकिन अब सरकार ने एनएचएलएमएल के माध्यम से इस परियोजना को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है और पूर्व में बनी डीपीआर को आधार बनाकर काम किया जाएगा।
पर्वतमाला मिशन के तहत प्रदेश भर में कुल 50 रोपवे परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, जिनमें से पहले चरण में छह रोपवे को प्राथमिकता दी गई है। केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे का निर्माण कार्य अदाणी एंटरप्राइजेज द्वारा पीपीपी मॉडल पर एनएचएलएमएल के सहयोग से किया जाएगा। इन परियोजनाओं के पूरा होने से उत्तराखंड के पर्यटन और धार्मिक स्थलों तक पहुंच कहीं अधिक सुगम और सुरक्षित हो सकेगी।
पर्यटन विभाग के सचिव धीराज गर्ब्याल के अनुसार औली से गौरसो के बीच चेयर कार रोपवे बनने से स्कीइंग के लिए देश और दुनिया से आने वाले पर्यटकों को गौरसो तक पहुंचने में बड़ी सहूलियत मिलेगी। साथ ही औली की ढलानों के विकास से यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप स्की डेस्टिनेशन के रूप में उभर सकेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार के अवसरों को भी मजबूती मिलेगी।





