***
अपराधउत्तराखण्ड समाचार

Ankita Murder Case : रहस्य बना वीआईपी का नाम

सारे रिकॉर्ड कब्जे में, फिर भी सच्चाई का पता नहीं

पुलिस वीआईपी को लेकर एक थ्योरी पर और विश्वास कर रही है। यह कि रिजॉर्ट में वीआईपी सूट है, जिसमें ठहरने वाले को वीआईपी कहा जाता है।

देहरादून। अंकिता हत्याकांड में वीआईपी के नाम पर डेढ़ माह से पर्दा पड़ा हुआ है। पुलिस को उसका नाम पता नहीं चला या फिर किसी दबाव में नाम सामने नहीं लाया जा रहा, ये सवाल हर किसी के जहन में कौंध रहे हैं। बार-बार जांच की मांग उठी तो पुलिस ने अलग से भी जांच शुरू कर दी, लेकिन सवाल यहां भी खड़ा हो रहा है।

पुलिस के पास हर वह साक्ष्य और गवाह हैं, जिससे उसका नाम आसानी से निकल सकता है। बावजूद इसके अब तक पुलिस इस मामले में जांच जारी होने की बात कहकर पल्ला झाड़ रही है। दरअसल, आरोपी पुलकित आर्य ने घटना के दिन अंकिता से कहा था कि एक वीआईपी 19 सितंबर को आने वाला है। उसे स्पेशल सर्विस देनी है।

जाहिर है जिसके लिए इतनी तैयारियां की जा रहीं थीं तो उसका नाम पुलकित और उसके दोस्तों को तो जरूर पता होगा। अब सवाल उठता है कि पुलिस ने जब इन तीनों को तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया, तो राज क्यों नहीं उगलवाया गया, जबकि अंकिता की नाराजगी इसी बात पर थी कि उससे ऐसे गंदे काम कराने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

पुलिस वीआईपी को लेकर एक थ्योरी पर और विश्वास कर रही है। यह कि रिजॉर्ट में वीआईपी सूट है, जिसमें ठहरने वाले को वीआईपी कहा जाता है। रिजॉर्ट की व्यवस्था के अनुसार उस व्यक्ति ने बुकिंग भी कराई होगी। बुकिंग कराई थी, तो नाम भी रजिस्टर में लिखा गया होगा। रजिस्टर भी पुलिस ने कब्जे में लिया था।

19 सितंबर की बुकिंग का रजिस्टर से ब्योरा क्यों नहीं लिया गया, जबकि पुलिस ने दो दिन बाद ही पहले और भविष्य में आने वाले सारे मेहमानों से पूछताछ का दावा भी किया था।

Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights