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अल्मोड़ा नगर के जोशी खोला और थपलिया क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से तेंदुए की सक्रियता से लोगों में भय का माहौल है। सूचना मिलते ही वन विभाग ने रात्रिकालीन गश्त शुरू कर दी है और स्थिति के आकलन के बाद पिंजरा लगाने का आश्वासन दिया गया है।
- अल्मोड़ा शहर में तेंदुए की चहलकदमी, नागरिकों में बढ़ी चिंता
- जोशी खोला–थपलिया में तेंदुए का वीडियो वायरल, प्रशासन सतर्क
- जनसुरक्षा को लेकर वन विभाग अलर्ट, प्रभावित क्षेत्रों में गश्त तेज
- पार्षद और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने की त्वरित कार्रवाई की मांग
अल्मोड़ा | अल्मोड़ा नगर क्षेत्र के जोशी खोला और थपलिया इलाकों में तेंदुए की लगातार सक्रियता से क्षेत्रवासियों में दहशत का माहौल बना हुआ है। बीते दो–तीन दिनों से तेंदुए को इन इलाकों में घूमते हुए देखा गया है, जिससे लोगों की चिंता बढ़ गई है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, तेंदुआ आबादी के नजदीक तक पहुंच रहा है, जिसका वीडियो भी सामने आया है और सोशल मीडिया के माध्यम से तेजी से प्रसारित हो रहा है।
इस गंभीर स्थिति की जानकारी गांधी पार्क वार्ड के पार्षद एडवोकेट दीपक कुमार जोशी ने सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे को दी। सूचना मिलते ही संजय पाण्डे ने वन विभाग के अधिकारियों से तत्काल संपर्क किया और प्रभागीय वनाधिकारी से प्रभावित क्षेत्रों में नियमित गश्त कराने, पुलिस के माध्यम से मुनादी करवाने तथा तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाए जाने की मांग की।
प्रभागीय वनाधिकारी दीपक कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आश्वस्त किया कि रात्रि के समय वन विभाग की टीम द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में नियमित गश्त की जाएगी। उन्होंने बताया कि तेंदुए की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है और स्थिति का विस्तृत आकलन करने के बाद आवश्यकता पड़ने पर पिंजरा भी लगाया जाएगा, ताकि किसी भी संभावित खतरे को टाला जा सके।
इधर, पार्षद एडवोकेट दीपक कुमार जोशी और सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे ने संयुक्त रूप से क्षेत्रवासियों से सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि लोग रात के समय अत्यंत आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलें, बच्चों और बुजुर्गों पर विशेष ध्यान रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि या तेंदुए की मौजूदगी की सूचना तुरंत वन विभाग या पुलिस को दें।
साथ ही उन्होंने प्रशासन से भी मांग की है कि जनसुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए त्वरित और ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। फिलहाल वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच चुकी है और प्रभावित क्षेत्रों में नियमित गश्त जारी है। स्थानीय लोग प्रशासन की कार्रवाई पर नजर बनाए हुए हैं और जल्द से जल्द स्थायी समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।






