
देहरादून| उत्तराखंड के पारंपरिक उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने और ग्रामीण विकास को गति देने की दिशा में राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में ग्राम्य विकास विभाग की गेमचेंजर योजनाओं की उच्च स्तरीय समीक्षा करते हुए कई अहम निर्णय लिए। मुख्यमंत्री ने राज्य के अम्ब्रेला ब्रांड ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ का टर्नओवर वर्ष 2030 तक 100 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य तय किया है। साथ ही उन्होंने इसके उत्पादों की बिक्री के लिए यूनिटी मॉल के माध्यम से भी विपणन की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के उत्पादों की ब्रांडिंग, गुणवत्ता और विपणन को एक समग्र रणनीति के तहत आगे बढ़ाया जाना चाहिए। ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ के तहत राज्य के 150 से अधिक पारंपरिक उत्पादों को बाजार से जोड़ा जा रहा है, जो कि राज्य की आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने निर्देश दिए कि उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विशिष्ट पहचान दिलाई जाए।
प्रत्येक विकासखंड में होगा एक स्मार्ट गांव
मुख्यमंत्री धामी ने बैठक के दौरान राज्य के हर विकासखंड में एक-एक स्मार्ट गांव विकसित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इन गांवों में मूलभूत सुविधाएं, डिजिटल कनेक्टिविटी, सतत् रोजगार और गुणवत्तापूर्ण जीवनशैली सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक परिवार को रोजगार से जोड़ने के लिए योजनाएं बनाकर क्रियान्वयन किया जाए, ताकि ग्रामीण स्तर पर आर्थिक मजबूती सुनिश्चित की जा सके।
ग्रामीण उद्यमिता को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना, ग्रोथ सेंटर योजना और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस योजना की प्रगति की भी विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देना, स्थानीय संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना और रिवर्स पलायन को प्रोत्साहित करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डोर स्टेप डिलीवरी सिस्टम को मजबूत किया जाए, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुंचे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रोथ सेंटर्स को कौशल विकास से जोड़ा जाए और व्यावसायिक दृष्टिकोण अपनाते हुए उनके उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार लाया जाए, जिससे स्थानीय लोगों की आमदनी में वृद्धि हो सके।
महिला सशक्तिकरण पर विशेष जोर
बैठक में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस योजना के अंतर्गत महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने की योजना पर भी विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और विपणन तक पहुंच प्रदान करने के लिए प्रभावी व्यवस्थाएं की जाएं। सचिव ग्राम्य विकास श्रीमती राधिका झा ने बताया कि अब तक 1.65 लाख महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाया जा चुका है और अगले तीन वर्षों में एक लाख और महिलाओं को इस योजना से जोड़ा जाएगा।
ग्रामीण उद्यमों को मिलेगा सरकारी सहयोग
सचिव ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना के अंतर्गत अगले तीन वर्षों में 15,000 ग्रामीण उद्यमों को सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ के अंतर्गत उत्पादों को चरणबद्ध तरीके से ब्रांड के अंतर्गत शामिल किया जा रहा है। यह ब्रांड अब न केवल एक आर्थिक अभियान है, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान को भी आगे बढ़ा रहा है।
उच्च अधिकारियों की उपस्थिति में हुआ मंथन
इस अहम बैठक में ग्राम्य विकास मंत्री श्री गणेश जोशी, अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव श्री श्रीधर बाबू अदांकी, अपर सचिव सुश्री झरना कमठान, अपर सचिव सुश्री अनुराधा पाल, सी.पी.पी.जी.जी. के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री मनोज पंत समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री धामी की इस बैठक से स्पष्ट है कि राज्य सरकार अब पारंपरिक योजनाओं से आगे बढ़कर समेकित ग्रामीण विकास और ब्रांडिंग के जरिये प्रदेश को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। स्मार्ट गांवों की अवधारणा और महिला सशक्तिकरण जैसे प्रयास न केवल विकास को गति देंगे बल्कि उत्तराखंड के ग्रामीण समाज को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।