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देहरादून में सेंट ज्यूड्स चौक के पास स्कूली बच्चों से भरी एक वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बस में अचानक आग लग गई, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। चालक और शिक्षकों की तत्परता से सभी 40 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, हालांकि बस और बच्चों का सामान जलकर खाक हो गया।
- सेंट ज्यूड्स चौक पर 40 बच्चों से भरी इलेक्ट्रिक बस धू-धू कर जली, मचा हड़कंप
- देहरादून में इलेक्ट्रिक बस में आग, समय रहते सुरक्षित निकाले गए तमिलनाडु के स्कूली बच्चे
- शिमला बाईपास पर बड़ा हादसा टला, इलेक्ट्रिक बस में आग से अफरा-तफरी
- इलेक्ट्रिक बस की बैटरी खराबी से आग की आशंका, जांच में जुटा प्रशासन
देहरादून। शिमला बाईपास स्थित सेंट ज्यूड्स चौक के पास गुरुवार दोपहर उस समय हड़कंप मच गया, जब तमिलनाडु से भ्रमण पर आए स्कूली बच्चों की एक वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बस में अचानक आग लग गई। बस में करीब 40 बच्चे और शिक्षक सवार थे, जो हरिद्वार से देहरादून पहुंचकर वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) के भ्रमण के लिए जा रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस जैसे ही सेंट ज्यूड्स चौक के पास पहुंची, उसके पिछले हिस्से से अचानक धुआं उठने लगा।
खिड़कियों से धुआं निकलता देख बच्चों ने शोर मचाया, जिसके बाद चालक ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए बिना देर किए बस को सड़क किनारे रोक दिया। चालक ने तुरंत शिक्षकों को सतर्क किया और आपात स्थिति का संकेत देते हुए बस खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी। शिक्षकों की सूझबूझ और बच्चों के अनुशासन के चलते एक-एक कर सभी बच्चों को सुरक्षित बस से बाहर उतार लिया गया। कुछ ही मिनटों बाद बस में आग की लपटें उठने लगीं, जिससे आसपास अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
गनीमत रही कि समय रहते सभी बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया और कोई जनहानि नहीं हुई। धुएं के कारण कुछ बच्चों को सांस लेने में तकलीफ हुई, जिन्हें मौके पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और अग्निशमन विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं। आग तेजी से फैल रही थी, जिसके कारण दमकल कर्मियों को आग पर काबू पाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। काफी प्रयासों के बाद आग को पूरी तरह बुझाया जा सका, लेकिन तब तक बस का पिछला हिस्सा पूरी तरह जल चुका था। बच्चों के कई बैग, कपड़े और अन्य सामान आग की चपेट में आकर नष्ट हो गए।
बस में सवार बच्चों ने बताया कि धुआं दिखते ही वे घबरा गए थे, लेकिन शिक्षकों ने उन्हें शांत रखा और व्यवस्थित तरीके से नीचे उतारा, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति नहीं बनी। बच्चों का कहना था कि यदि चालक समय पर बस नहीं रोकता, तो बड़ा हादसा हो सकता था। आग बुझने के बाद सड़क पर निकाले गए सामान में बच्चे अपने-अपने जले हुए बैग और वस्तुएं तलाशते नजर आए। घटना के बाद प्रशासन ने तुरंत वैकल्पिक बस की व्यवस्था कर बच्चों को सुरक्षित स्थान पर भेजा।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण इलेक्ट्रिक बस की बैटरी या किसी तकनीकी खराबी की आशंका जताई जा रही है। बस को कब्जे में लेकर विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है और परिवहन विभाग को भी मामले से अवगत करा दिया गया है। इस घटना ने एक बार फिर इलेक्ट्रिक बसों की सुरक्षा और नियमित तकनीकी जांच पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि खासतौर पर लंबी दूरी की यात्राओं में इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी, वायरिंग और तापमान नियंत्रण प्रणाली की नियमित जांच बेहद जरूरी है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।





