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डोईवाला के जोगीवाला स्थित साईं सृजन पटल द्वारा डॉ. हरीश चंद्र रतूड़ी को उनके उत्कृष्ट साहित्यिक योगदान के लिए ‘लेखक श्री सम्मान’ से सम्मानित किया गया। उत्तराखंड के धार्मिक पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत पर उनके लेखन को विशेष रूप से सराहा गया।
- उत्तराखंड के तीर्थ, पर्यटन और लोक वाद्यों पर लेखन के लिए मिला सम्मान
- जोगीवाला में आयोजित कार्यक्रम में प्रो. के.एल. तलवाड़ ने किया सम्मानित
- साईं सृजन पटल पत्रिका में लगातार प्रकाशित होते रहे हैं रतूड़ी के शोधपूर्ण लेख
- नवोदित लेखकों के लिए सशक्त मंच बनता जा रहा साईं सृजन पटल
डोईवाला : डोईवाला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जोगीवाला में स्थित साईं सृजन पटल ने साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले डॉ. हरीश चंद्र रतूड़ी को ‘लेखक श्री सम्मान’ से सम्मानित कर उन्हें साहित्यिक जगत में सम्मानित स्थान प्रदान किया। गुरुवार को आयोजित एक गरिमामय कार्यक्रम में साईं सृजन पटल के संस्थापक प्रो. के.एल. तलवाड़ ने डॉ. रतूड़ी को स्मृति चिह्न भेंट किया और उनके प्रकाशित लेखों से संबंधित पत्रिकाओं का एक सेट उपहार स्वरूप प्रदान किया।
डॉ. हरीश चंद्र रतूड़ी वर्तमान में डॉ. शिवानंद नौटियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कर्णप्रयाग (जनपद चमोली) में वाणिज्य विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। अकादमिक दायित्वों के साथ-साथ उन्होंने उत्तराखंड के तीर्थाटन, धार्मिक पर्यटन और लोक-संस्कृति पर गंभीर और शोधपरक लेखन के माध्यम से अपनी अलग पहचान बनाई है। उनके लेखों में न केवल स्थलों का वर्णन मिलता है, बल्कि उनसे जुड़ी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पृष्ठभूमि भी गहराई से उभरकर सामने आती है।
अब तक साईं सृजन पटल की मासिक पत्रिका के विभिन्न अंकों में उनके आदिबद्री, बैरासकुंड, श्री बूढ़ा केदार, त्रिवेणी घाट ऋषिकेश की गंगा आरती और कुमाऊँ स्थित गिरिजा देवी मंदिर पर सचित्र एवं तथ्यपरक लेख प्रकाशित हो चुके हैं, जिन्हें पाठकों द्वारा खूब सराहा गया है। पत्रिका के प्रकाशनाधीन दिसंबर अंक के लिए उन्होंने गढ़वाल क्षेत्र की प्रसिद्ध सेम-मुखेम यात्रा पर एक अत्यंत सारगर्भित और जानकारीपूर्ण लेख तैयार किया है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने पाठकों को उत्तराखंड के प्राचीन लोक वाद्य यंत्र ‘मशक बीन’ से भी परिचित कराया है, जो आज विलुप्ति के कगार पर खड़ी लोक-संस्कृति की एक महत्वपूर्ण धरोहर मानी जाती है।
पत्रिका के उप-संपादक अंकित तिवारी ने बताया कि साईं सृजन पटल मासिक पत्रिका ने मात्र डेढ़ वर्ष की अल्प अवधि में ही पाठकों के बीच अपनी विशिष्ट पहचान बना ली है। यह पत्रिका नवोदित लेखकों के लिए एक उपयोगी और प्रेरक मंच बनती जा रही है। उन्होंने बताया कि कई कोचिंग संस्थान उत्तराखंड सामान्य ज्ञान से जुड़े प्रश्नों के लिए इस पत्रिका को संदर्भ सामग्री के रूप में उपयोग कर रहे हैं, जो इसकी सामग्री की विश्वसनीयता को दर्शाता है। सह-संपादक अमन तलवाड़ ने कहा कि साईं सृजन पटल का न्यूजलेटर से एक सशक्त मैगजीन के रूप में विकसित होना पूरी टीम के लिए उत्साह और गर्व का विषय है।
यह मंच निरंतर साहित्य, संस्कृति और समसामयिक विषयों को पाठकों तक पहुंचाने का कार्य कर रहा है। सम्मान प्राप्त करने पर डॉ. हरीश चंद्र रतूड़ी ने साईं सृजन पटल परिवार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सम्मान उन्हें उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत पर और अधिक गंभीरता से लिखने की प्रेरणा देगा। कार्यक्रम के दौरान लेखिका नीलम तलवाड़, इंसाइडी क्रिएटिव मीडिया के सीईओ अक्षत सहित पटल से जुड़े अन्य स्टाफ सदस्य भी उपस्थित रहे।





