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देहरादून में वरिष्ठ पत्रकार पंकज मिश्रा की मौत को लेकर मामला अब हत्या में तब्दील हो गया है। भाई की तहरीर पर पुलिस ने दोबारा पोस्टमार्टम कराते हुए मुख्य आरोपी और उसके साथियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
- घर में घुसकर मारपीट का आरोप, सीने-पेट पर हमला कर जान लेने की साजिश
- पत्नी से बदसलूकी और मोबाइल छीने जाने का भी आरोप
- पहले पोस्टमार्टम पर उठे सवाल, परिजनों की मांग पर दोबारा जांच
- मुख्य आरोपी और साथियों पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज
देहरादून। राजधानी देहरादून में वरिष्ठ पत्रकार पंकज मिश्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने अब हत्या का रूप ले लिया है। शुरुआत में जिस मामले को संदिग्ध मृत्यु के तौर पर देखा जा रहा था, वह परिजनों के आरोपों, घटनाक्रम के खुलासों और पुलिस जांच के बाद गंभीर आपराधिक प्रकरण में बदल गया है। मृतक के छोटे भाई अरविंद मिश्रा की तहरीर पर पुलिस ने राजपुर थाने में मुख्य आरोपी अमित सहगल और उसके साथियों के खिलाफ हत्या समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। परिजनों की मांग को देखते हुए बुधवार को पंकज मिश्रा का दोबारा पोस्टमार्टम भी कराया गया।
अरविंद मिश्रा ने पुलिस को दिए शिकायती पत्र में बताया कि उनके बड़े भाई पंकज मिश्रा देहरादून के जाखन स्थित दून विहार क्षेत्र में पत्नी लक्ष्मी मिश्रा के साथ रहते थे। 15 दिसंबर की रात लगभग दस बजे अमित सहगल कुछ अन्य लोगों के साथ उनके घर पहुंचा और गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की नीयत से हमला कर दिया। आरोप है कि हमलावरों ने पंकज मिश्रा के सीने और पेट पर लगातार लात-घूंसे मारे, जिससे उनके मुंह से खून निकलने लगा। इसी दौरान एक आरोपी द्वारा यह कहे जाने का भी आरोप है कि पंकज हार्ट और लिवर के मरीज हैं, इसलिए उनके पेट और सीने पर ही वार किया जाए।
शिकायत के अनुसार, मारपीट के बाद आरोपियों ने पंकज मिश्रा का मोबाइल फोन छीन लिया। जब उनकी पत्नी लक्ष्मी मिश्रा ने पुलिस को कॉल करने की कोशिश की तो उनका मोबाइल भी छीन लिया गया और उनके साथ बदसलूकी की गई। किसी तरह पंकज मिश्रा ने एक राहगीर के मोबाइल फोन से पुलिस को सूचना दी, लेकिन भय और असहाय स्थिति के चलते दंपती उसी रात पुलिस थाने या अस्पताल नहीं जा सके। अरविंद मिश्रा का कहना है कि 16 दिसंबर की तड़के करीब तीन बजे पंकज मिश्रा दर्द से कराहते हुए उठे और कुछ ही देर बाद अचेत होकर गिर पड़े।
पड़ोसियों की मदद से तत्काल एंबुलेंस बुलाई गई, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी। इस घटना से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। घटना की जानकारी मिलने पर मुंबई से देहरादून पहुंचे अरविंद मिश्रा ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह से मुलाकात की और पहले कराए गए पोस्टमार्टम पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने दोबारा पोस्टमार्टम की मांग करते हुए आरोप लगाया कि मुख्य आरोपी का डॉक्टरों को प्रभावित और ब्लैकमेल करने का पुराना इतिहास रहा है। परिजनों की आपत्ति और शिकायत को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने दोबारा पोस्टमार्टम कराने का निर्णय लिया।
एसपी सिटी प्रमोद कुमार ने बताया कि अरविंद मिश्रा की तहरीर के आधार पर थाना राजपुर में मुख्य आरोपी अमित सहगल और उसके साथियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 103, 304, 333 और 352 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। वरिष्ठ पत्रकार की मौत से न केवल उनका परिवार बल्कि पत्रकार जगत भी स्तब्ध है। यह मामला अब कानून-व्यवस्था, पत्रकारों की सुरक्षा और निष्पक्ष जांच को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है, जिनके जवाब आने वाले दिनों में जांच के साथ सामने आने की उम्मीद है।





