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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में वित्तीय वर्ष 2025-26 की राजस्व प्राप्तियों की समीक्षा करते हुए टैक्स रिकवरी पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने विभागवार राजस्व स्थिति की समीक्षा कर लक्ष्य के अनुरूप वसूली सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
- सचिवालय में मुख्यमंत्री ने ली विभागवार राजस्व प्रगति की रिपोर्ट
- बकाया कर वसूली में ढिलाई न बरतने की सख्त हिदायत
- विकास योजनाओं के लिए मजबूत राजस्व आधार पर जोर
- लक्ष्य के अनुरूप राजस्व संग्रह सुनिश्चित करने के निर्देश
देहरादून। उत्तराखंड की वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करने की दिशा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में वित्तीय वर्ष 2025-26 के अंतर्गत राज्य की राजस्व प्राप्तियों की गहन समीक्षा की। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभागों से उनके-अपने राजस्व संग्रह की स्थिति की विस्तृत जानकारी ली और स्पष्ट किया कि राज्य के विकास कार्यों को गति देने के लिए मजबूत राजस्व आधार बेहद आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि टैक्स रिकवरी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और किसी भी स्तर पर ढिलाई न बरती जाए। उन्होंने कहा कि बकाया करों की वसूली में तेजी लाकर राजस्व लक्ष्यों को समय पर पूरा किया जाना चाहिए। इसके लिए विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने और नियमित निगरानी व्यवस्था मजबूत करने के निर्देश भी दिए गए।
बैठक में विभागवार राजस्व स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जिन क्षेत्रों में अपेक्षित राजस्व प्राप्त नहीं हो पा रहा है, वहां कारणों की पहचान कर त्वरित सुधारात्मक कदम उठाए जाएं। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि कर संग्रह की प्रक्रिया पारदर्शी और प्रभावी हो, ताकि राज्य की आय में निरंतर वृद्धि हो सके।
मुख्यमंत्री धामी ने दो टूक कहा कि राजस्व प्राप्तियों का सीधा संबंध राज्य की विकास योजनाओं, जनकल्याणकारी कार्यक्रमों और आधारभूत ढांचे के विस्तार से जुड़ा है। ऐसे में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा जताई कि निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप राजस्व संग्रह कर उत्तराखंड की आर्थिक स्थिति को और अधिक मजबूत बनाया जाएगा।





