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देहरादून आरटीओ का राजस्व वाहनों की खरीद पर जीएसटी दरों में कटौती के कारण प्रभावित हुआ है। अधिकारियों ने बकायेदारों से वसूली तेज करने और चारधाम यात्रा के सुचारू संचालन के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं।
- वाहनों की खरीद पर जीएसटी कटौती से आरटीओ राजस्व में 40 करोड़ की कमी
- देहरादून आरटीओ ने बकायेदारों से वसूली में तेजी लाने के दिए कड़े निर्देश
- चारधाम यात्रा और वाहन पंजीकरण की व्यवस्था पर आरटीओ ने समीक्षा बैठक की
- ई-व्हीकल और बीएच सीरीज वाहनों के पंजीकरण में वृद्धि के बावजूद राजस्व लक्ष्य अधूरा
देहरादून। चार पहिया और दोपहिया वाहनों की खरीद पर जीएसटी दरों में कटौती के कारण देहरादून परिवहन कार्यालय (आरटीओ) का राजस्व इस वित्तीय वर्ष में लगभग 40 करोड़ रुपये कम हो गया है। लक्ष्य के अनुरूप देहरादून संभाग ने केवल 82 प्रतिशत राजस्व वसूल किया है। अक्टूबर-नवंबर में 8.5 करोड़ रुपये की कमी आई, जबकि ऋषिकेश, विकासनगर, टिहरी, उत्तरकाशी और रुड़की आरटीओ कार्यालयों में राजस्व में क्रमशः 90 और 85 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
शनिवार को आरटीओ कार्यालय देहरादून में राजस्व व चारधाम यात्रा को लेकर बैठक हुई, जिसमें एआरटीओ प्रशासन चक्रपाणी मिश्र ने ई-व्हीकल और बीएच सीरीज वाहनों के पंजीकरण में वृद्धि की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की जीएसटी दरों में छूट के बाद 37 हजार वाहनों का पंजीकरण हुआ है। देहरादून कार्यालय के राजस्व में लगभग 35 करोड़ रुपये की कमी आई है, जबकि अन्य मदों में पांच करोड़ की कमी दर्ज की गई। आरटीओ प्रशासन संदीप सैनी ने बकायेदारों से वसूली को लेकर विशेष रूपरेखा तैयार की है।
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राजस्व वसूली के प्रमुख बिंदुओं में वर्ष 2012 से 2017 तक के बकायेदारों की सूची जिलाधिकारी कार्यालय को भेजना, वर्षवार बकाया वसूली पत्र तैयार करना, प्रतिदिन 25 वसूली पत्र जारी करने के निर्देश, वाहनों के भौतिक निरीक्षण और सत्यापन, टैक्स में छूट हेतु पत्राचार, प्रदूषण और स्क्रैप केंद्रों के निरीक्षण शामिल हैं।
चारधाम यात्रा को सुचारू रूप से संचालन के लिए एआरटीओ कार्यालय रुड़की में ग्रीनकार्ड सेंटर और चेकपोस्ट स्थापित करने के आदेश दिए गए। ग्रीनकार्ड और ट्रिपकार्ड साइट पर तकनीकी खराबी होने पर वाहनों को मैनुअल आधार पर ग्रीनकार्ड जारी करने, ग्रीनकार्ड शुल्क के लिए UPI भुगतान की व्यवस्था, और तपोवन में जाम से निजात दिलाने हेतु पुलिस से समन्वय करने के निर्देश भी शामिल किए गए हैं।
आरटीओ अधिकारियों का कहना है कि जीएसटी कटौती के प्रभाव से उत्पन्न वित्तीय संकट से निपटने और चारधाम यात्रा के सुचारू संचालन के लिए ये कदम आवश्यक हैं। इससे न केवल राजस्व वसूली में तेजी आएगी, बल्कि यात्रियों और आम उपभोक्ताओं के लिए भी व्यवस्थित और सुरक्षित परिवहन सेवा सुनिश्चित होगी।





