
- सीएम धामी का स्पष्ट बयान: राज्य की डेमोग्राफी से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं
- अवैध कब्जों पर बड़ी कार्रवाई जारी, दस हजार एकड़ भूमि मुक्त—धामी
- डबल इंजन सरकार सुशासन का मॉडल, राज्य की पहचान को हर हाल में बचाया जाएगा
- धामी ने दी चेतावनी: फर्जी दस्तावेज बनाकर रह रहे लोगों पर कसी जाएगी नकेल
- देवभूमि की सांस्कृतिक सुरक्षा सर्वोपरि, वोट बैंक राजनीति को नहीं मिलेगी जगह—सीएम
नैनीताल। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान प्रदेश की राजनीतिक और सामाजिक स्थितियों को लेकर बेहद सख्त और स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अब तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति को किसी भी परिस्थिति में सहन नहीं किया जाएगा। यह बयान उनके द्वारा उन घुसपैठियों और अवैध रूप से बसने वाले लोगों के खिलाफ चल रही व्यापक कार्रवाई के संदर्भ में आया, जिन पर सरकार लगातार निगरानी और सख्ती बढ़ा रही है।
धामी ने जानकारी दी कि राज्य सरकार 10,000 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त करा चुकी है, और यह अभियान आगे और तेज गति से जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि वर्षों से कुछ लोग बाहर से आकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर न केवल राज्य में बस रहे हैं, बल्कि सरकारी सुविधाएं और अधिकार भी प्राप्त कर रहे हैं। उनकी मान्यता, राशन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र और विभिन्न लाभकारी योजनाओं के दस्तावेज संदेह के घेरे में हैं, जिस पर अब गहन जांच चल रही है।
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मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार पिछले दस वर्षों के रिकॉर्ड खंगाल रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि किसने अवैध तरीके से राज्य की सुविधाओं का लाभ उठाया है। धामी ने इसे उत्तराखंड की डेमोग्राफी, सांस्कृतिक संरचना और मूल पहचान पर गंभीर खतरा बताया। उन्होंने कहा कि देवभूमि की संस्कृति और अस्तित्व को सुरक्षित रखना उनकी प्राथमिकता है और इस दिशा में किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य में बड़े पैमाने पर सरकारी भूमि खाली कराई गई है और यह केवल शुरुआत है। सरकार आगे भी अवैध कब्जों और घुसपैठ पर नियंत्रण के लिए लगातार अभियान चलाएगी, जिससे उत्तराखंड की सामाजिक और सांस्कृतिक सुरक्षा सुनिश्चित रहे। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई न तो किसी समुदाय के खिलाफ है और न ही किसी विशेष वर्ग को निशाना बनाकर की जा रही है, बल्कि कानून और प्रदेश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
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अपने राजनीतिक संबोधन में मुख्यमंत्री धामी ने वर्ष 2014 के बाद देश में आई नई कार्य संस्कृति का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि देश में विभिन्न राज्यों में लगातार ‘डबल इंजन की सरकार’ बनने का क्रम यह दर्शाता है कि जनता विकास, पारदर्शिता और सुशासन पर आधारित मॉडल को पूरी तरह स्वीकार कर रही है। उनके अनुसार डबल इंजन सरकार ने देशभर में अनेक सकारात्मक परिवर्तन और सुधारों को गति दी है, जिनका लाभ सीधे आम जनता तक पहुंच रहा है।
नैनीताल में धामी के इन बयानों ने कार्यक्रम को एक राजनीतिक रंग भी दे दिया, जहां उन्होंने कानून व्यवस्था, अवैध घुसपैठ और राज्य की पहचान की रक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों को केंद्र में रखा। उनके वक्तव्य से साफ झलकता है कि आने वाले समय में उत्तराखंड में इस दिशा में और भी कड़े कदम उठाए जाने की संभावना है, जिससे राज्य की सांस्कृतिक और भौगोलिक संरचना सुरक्षित और संरक्षित रह सके।





